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राहुल गांधी के बयान से खतरे में अघाड़ी गठबंधन

भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 12 राज्यों के भ्रमण पर है। इस यात्रा का मकसद न सिर्फ 2024 की चुनौती को पार करना है बल्कि अपनी छवि और कुनबे को मजबूत करना भी है। लेकिन जनसमर्थन और पार्टी के विस्तार की जगह कांग्रेस के सहयोगी दल भी कांग्रेस से जुदा होने का मन बना रहे हैं। दरअसल महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगियों में शामिल उद्धव गुट की शिवसेना ने राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान पर नाराजगी जताई है। राहुल के बयान के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन से शिवसेना के अलग होने की आशंका जताई जा रही है। महाविकास के घटक दलों में कांग्रेस के अलावा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना शामिल है।

दरअसल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत महाराष्ट्र पहुंचे राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दे दिया , जिससे महाराष्ट्र और देश की सियासत गरमा गई है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि सावरकर ने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की मदद की और उनके डर से दया याचिका (क्षमा याचना) पर हस्ताक्षर किये थे । कांग्रेस नेता इससे पहले भी कह चुके हैं कि सावरकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतीक हैं। राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं और उद्धव ठाकरे ने यहां तक कह दिया है कि वह स्वतंत्रता सेनानी पर कांग्रेस नेता के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। शिवसेना की विचारधारा के तहत सावरकर महान क्रांतिकारी थे। भाजपा भी अपनी हिंदुत्व विचारधारा के तहत सावरकर का समर्थन करती है। ऐसे में भाजपा को बैठे-बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है। भाजपा राहुल के बयान को क्रांतिकारियों के खिलाफ दिया गया बयान बताकर लोगों से भाजपा को वोट देने की मांग करेगी। इससे कांग्रेस के खाते से हिंदू वोट कटने की भी आशंका बढ़ गई है। महाराष्ट्र और गुजरात में सावरकर के समर्थक भी काफी हैं , ऐसे में कांग्रेस की चुनाव में बड़ी फजीहत हो सकती है। उधर यात्रा को भी भारी नुकसान पहुंचने चर्चा तेज हो गई है।

इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा था कि वह स्वतंत्रता सेनानी के बारे में पूरी तरह झूठ बोल रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल को चेतावनी देते हुए कहा कि वीर सावरकर के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र के लोग हिंदू विचार के किसी भी शख्स का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। लेकिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बचाव करते हुए कहा है कि उन्होंने ‘हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना नहीं साधा है बल्कि सिर्फ ऐतिहासिक फैक्ट्स को सामने रखा है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के महाराष्ट्र में बुल्ढाणा जिले के शेगांव पहुंचने पर रमेश ने कहा कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना भले ही सावरकर पर राहुल गांधी के विचारों का समर्थन नहीं करती है, लेकिन इसका महा विकास अघाड़ी गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं होगा। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि महानतम भारतीयों में से एक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक 1908 से 14 तक, 6 साल मांडला जेल में बंद रहे। तिलक ने दया याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किये।’ उन्होंने कहा, ‘हम ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर बहस नहीं करना चाहते हैं, फिलहाल के मुद्दे में पुराने दस्तावेजों के आधार पर भावनाओं को परे रखकर बुद्धिमतापूर्ण चर्चा की जरूरत है।’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह तथ्य है कि (महात्मा गांधी की हत्या करने वाले) नाथूराम गोडसे, सावरकर से प्रभावित थे। गांधी की हत्या के पीछे सावरकर की विचारधारा थी। सावरकर जिस विचारधारा को मानते थे वही उनकी (गांधी की) हत्या का कारण था । रमेश ने कहा कि सावरकर पर कांग्रेस और शिवसेना के विचार अलग-अलग हैं, लेकिन इसका एमवीए गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं होगा। ‘

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद थी कि पार्टी के अंदर सरकार को घेरने के लिए एकराय बनेगी । मगर सावरकर पर दिए राहुल के बयान के बाद तो कांग्रेस के सहयोगियों के दूर जाने का खतरा भी बढ़ गया है। सावरकर पर दिए बयान के बाद कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनता नजर आ रहा है। कई जगहों पर कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

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