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उत्तर प्रदेश के बाद अब दिल्ली में सीलिंग, 20 इलाके हुए हॉटस्पॉट

दिल्ली में 30 अप्रैल तक हो सकता है लॉकडाउन!

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रदेश के 15 जिलों के 104 स्थानों को हॉटस्पॉट कर दिया है। हॉटस्पॉट वह इलाका कहलाता है जहां बिना पुलिस की परमिशन के कोई भी व्यक्ति आवागमन नहीं कर सकता है। यही नहीं बल्कि बिना परमिशन के वह घर से बाहर भी नहीं निकल सकता है। जो भी किसी चीज की जरूरत होगी वह डोर टू डोर उपलब्ध कराई जाएगी।

यूपी के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले में बड़ी पहल की है। उन्होंने दिल्ली में 20 स्थानों को हॉटस्पॉट चिन्हित किया है। जहां पूरे इलाके सील कर दिए जाएंगे और आने-जाने की व्यवस्था पुलिस के हाथ में होगी। अगर कोई भी व्यक्ति जबरन प्रवेश करेगा तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाएगी।

यह पहला मामला है जब देश में लॉकडाउन के बाद हॉटस्पॉट शुरू किया गया है। यूपी और दिल्ली के बाद अब देश के दूसरे इलाकों में भी हॉटस्पॉट की तैयारी शुरू हो गई है। हॉटस्पॉट के तहत उन क्षेत्रों में पुलिस मुस्तैदी से तैयार हो जाती है जिनमें ज्यादातर कोरोना वायरस के मामले मिलते हैं। दिल्ली में ऐसे कई स्थान हैं।

पूर्वी दिल्ली में 8 हॉटस्‍पॉट्स सामने आए हैं। यहां कई कॉलोनियों को सील किया गया है। दिल्‍ली में तीन बड़े कन्‍टेनमेंट जोन हैं। दिलशाद गार्डन, निजामुद्दीन मरकज और साउथ मोती बाग। ये वो इलाके हैं जहां बड़ी संख्‍या में कोरोना के मामले सामने आए हैं। इन जोंस के भीतर जाने और भीतर से बाहर आने पर रोक है। बिना पुलिस को साथ लिए बाहरी लोग अंदर नहीं जा सकते। जो भी बाहर निकलेगा, उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

इसके साथ ही अब राजधानी की सड़कों पर किसी को भी बिना मास्क पहने निकलने की अनुमति नहीं है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया कि चेहरे पर मास्क पहनने से कोरोना वायरस के रोकथाम में थोड़ी मदद हो सकती है। इसलिए सरकार ने यह तय किया है कि दिल्ली में घर से बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति के लिए मास्क पहनने आनिवार्य होगा। लोग कपड़े का मास्क भी पहन सकते हैं।

गौरतलब है कि हॉटस्‍पॉट वे इलाके हैं जहां कोरोना के बहुत से मरीज सामने आए हैं। इन्‍हें सीज नहीं किया जाता, बल्कि मॉनिटर किया जाता है। हालांकि, जब बढ़ते मामलों को रोकने के लिए किसी इलाके को पूरी तरह सील कर दिया जाता है, किसी को बाहर निकलने नहीं दिया जाता तो वह कन्‍टेनमेंट जोन होता है। इन जोन का मकसद सिर्फ और सिर्फ संक्रमण को लोकल लेवल पर फैलने से रोकना है। याद रहे कि दिल्ली में कोरोना के 576 मामले सामने आ चुके है। जिसमें अकेले 333 मरकज से जुड़े बताए जा रहे है।

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