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दस  साल बाद फिर नंदीग्राम बन  रहा बंगाल के संग्राम का केंद्र  

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है।  हर पार्टी चुनावी  प्रचार -प्रसार  में जुट चुकी है।राज्य में इस बार सत्ताधारी टीएमसी और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है। इसके लिए  मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम का सूबे की राजनीति में अहम स्थान है। नंदीग्राम में ही किसानों पर गोली चलवाने के बाद हुए आंदोलन के परिणामस्वरूप ममता बनर्जी  की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई थी। अब 10 साल बाद यही नंदीग्राम  एक बार फिर से बंगाल के संग्राम का केंद्र बन गया है। ममता खुद यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। अब बीजेपी  भी कभी उनके भरोसेमंद रहे  शुभेंदु अधिकारी को मैदान में उतारने की तैयारी में है।

नंदीग्राम सीट पर 2011 से ही टीएमसी का कब्जा रहा है। अभी तक कोलकाता की भवानीपुर सीट से जीतती आ रहीं ममता ने इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वह दोनों ही सीटों से लड़ सकती हैं। 11 मार्च को नंदीग्राम सीट के लिए उनके नामांकन करने की भी उम्मीद है। ममता को यहां टीएमसी से बगावत कर बीजेपी में गए सुवेंदु अधिकारी का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने उन्हें इस सीट से प्रत्याशी बनाने का मन बना लिया है।

शुभेंदु  ने मेदिनीपुर में पिंगला विधानसभा के तहत पढ़ने वाले खड़गपुर के चंगवाल में एक दिन पहले ही जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं ममता बनर्जी को नंदीग्राम में हरा दूंगा। आप इस बात को लेकर आश्वस्त रह सकते हैं। अगर बीजेपी मुझे इस सीट से टिकट देती है, तो मैं ममता को चुनाव में हरा दूंगा। और अगर मुझे टिकट ना देकर किसी और को चुना जाता है, तो भी मैं इस बात की जिम्मेदारी लूंगा कि ममता यहां से हार जाएं और इस विधानसभा में कमल खिले।’

शुभेंदु इससे पहले भी हुगली में जनसभा करते हुए नंदीग्राम को लेकर चुनावी रणनीति की बात कर चुके हैं। बीते 21 जनवरी को उन्होंने कहा था प्रमोद नंदीग्राम में 62 हजार वोटों के भरोसे है। लेकिन मुझे 2 लाख 13 हजार लोगों का सपोर्ट है, जो जय श्रीराम बोलते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सीधा इशारा कर दिया कि वह बीजेपी और टीएमसी के वोटर्स के बीच सीधा ध्रुवीकरण की तैयारी में हैं।

दरअसल, बीजेपी ने पहले दो चरणों के तहत पढ़ने वाले 60 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों को शॉर्टलिस्ट कर लिया है। बीजेपी बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष पार्टी किस सेंट्रल इलेक्शन कमिटी के समक्ष उस प्रस्ताव को रखेंगे। वह मुकुल रॉय के साथ इस मीटिंग में भाग लेंगे। घोष ने किसी प्रत्याशी का नाम तो नहीं बताया लेकिन इस बात का इशारा किया कि प्रदेश इकाई ने प्रत्येक 60 सीटों के लिए 3 से 5 नामों का चयन किया है। उन्होंने बताया कि बीजेपी के प्रत्याशी प्रत्याशियों में युवा, महिला, बड़े नाम और अन्य दलों से बीजेपी में आए लोग रह सकते हैं।

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