केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या PFI पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के बाद मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने PFI पर प्रतिबंध का समर्थन किया है और मांग की है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS ) को भी PFI की तरह देश में प्रतिबंधित किया जाए। बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव ने भी कहा कि आरएसएस (RSS )पीएफआई से भी बदतर संगठन है। उनके द्वारा मांग की गई है कि इस संगठन को भी प्रतिबंधित किया जाए।
मांग उठ रही है कि पीएफआई की तरह समाज में नफरत फैलाने वाले अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी शामिल है। सबसे पहले RSS को बैन करना चाहिए। क्योंकि यह संगठन पीएफआई से भी बदतर है। RSS पर पहले भी दो बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसमें लालू प्रसाद यादव ने यह रुख अख्तियार कर लिया है कि यह याद रखना चाहिए कि आरएसएस पर लौह पुरुष सरदार पटेल ने प्रतिबंध लगाया था।
इस बीच PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का कई लोगों ने स्वागत किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कहा है कि केंद्र सरकार का यह फैसला सही है। लेकिन एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिबंध का विरोध किया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा -ख्वाजा अजमेरी ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार संगठन पर अब भी बैन नहीं लगा , फिर सिर्फ PFI क्यों ? सरकार ने अधिकांश दक्षिणपंथी संगठनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया?