इजरायल की कंपनी एनएसओ द्वारा विकसित जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के सामने आने के बाद दुनिया भर में बवाल हुआ था। आपको याद होगा कि पिछले साल इस सॉफ्टवेयर के खुलासे ने पूरी दुनिया में शोर मचा दिया था। वही पेगासस जिसके जरिए चोरी-छिपे हजारों दिग्गज लोगों के फोन में सेंध लगाकर महत्वपूर्ण जानकारियां ली जा रही थी।
सभी को ये तो पता है कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से विश्व के सैंकड़ों नेताओं, पत्रकारों, एक्टिविस्टों और कारोबारियों की कथित तौर पर जासूसी की गई। लेकिन पेगासस से उठे बवाल के बाद ये मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस बीच एक साइबर सुरक्षा कंपनी ने खुलासा किया है कि सरकार ने अब भी प्रभावशाली लोगों की जासूसी करना बंद नहीं किया है बल्कि अब ये काम नए सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है।
पेगासस के बाद अब लोगों की जासूसी नए सॉफ्टवेयर से की जा रही है। ये खुलासा एक साइबर कंपनी ने किया है। कंपनी के अनुसार कई देशों की सरकारें अब हर्मिट नाम के एक स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं। लोगों की जासूसी के लिए एक और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किए जाने का खुलासा हुआ है।
इस स्पाईवेयर का खुलासा लुकआउट थ्रेट लैब नामक कंपनी कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के अनुसार, पहली बार कजाखस्तान में इसका इस्तेमाल होता पाया। कजाखस्तान में सरकारी नीतियों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे हुए थे। इस आंदोलन को कजाख सरकार ने बलपूर्वक दबा दिया था। तभी से कजाख सरकार लोगों की जासूसी के लिए हर्मिट स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा सीरिया और इटली में भी यूजर्स के फोन में यह एंड्रॉयड आधारित सॉफ्टवेयर देखा गया।
अपनी रिपोर्ट में कंपनी ने बताया है कि ये एक मॉडुलर स्पाईवेयर है जो डाउनलोड होते ही काम करना शुरू कर देता है। ये एक सन्देश के द्वारा इंस्टॉल किया जाता है जैसे कोई फिशिंग अटैक हो। ये ऑडियो काल रिकॉर्ड कर सकता है और रिडायरेक्ट कर सकता है।
इटली स्पाइवेयर वेंडर आरसीएस लैब और टेलीकम्युनिकेशन सॉल्यूशन कंपनी ताइकेलैब एसआरएल ने हर्मिट स्पाइवेयर को तैयार किया है। ब्लॉग के मुताबिक, वर्ष 2019 में इटली सरकार ने इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल भ्रष्टाचार रोकने के लिए किया था। 30 साल से आरसीएस लैब एक्टिव है। पाकिस्तान, चिली, मंगोलिया, बांग्लादेश, वियतनाम, म्यांमार और तुर्कमेनिस्तान की सैन्य और और इंटैलिजेंस एजेंसियों से भी आरसीएस लैब के संबंध रहे हैं।