महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना के रवैये के कारण सरकार बनाने का अवसर खो चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने सहयोगियों से समस्या अभी खत्म भी नहीं हुई है और अब आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड में भी वह ऐसी ही स्थिति का सामना कर रही है। महाराष्ट्र के बाद अब बीजेपी को झारखण्ड में भी झटका लग सकता है। दरअसल , लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी 81 में से 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बताया कि मंगलवार को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की जाएगी।
Chirag Paswan,LJP National President: Lok Janshakti Party's state unit has decided that we will contest alone, on 50 seats of Jharkhand, first list to be released later today #JharkhandAssemblyPolls (file pic) pic.twitter.com/fRn8YaIoK3
— ANI (@ANI) November 12, 2019
इससे पूर्व लोजपा ने भाजपा से संपर्क किया था और झारखंड विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। लोजपा ने भाजपा से संथाल परगना के जरमुंडी विधानसभा समेत 6 सीटों की मांग की थी, पर भाजपा की ओर से इन सीटों पर अपना प्रत्याशी उतार दिया गया। इसके बाद साेमवार को ही लोजपा ने यह मन बना लिया था कि वह अकेले चुनाव मैदान में आ सकती है। मंगलवार को चिराग पासवान ने इसकी अधिकारिक घोषणा भी कर दी।
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लोजपा ने 2005 में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी प्रत्याशी नहीं जीत पाया। 2009 के चुनाव में लोजपा ने झारखंड में 10 सीट और 2014 में एनडीए गठबंधन के तहत एक सीट पर चुनाव लड़ा था। 2009 और 2014 में एक भी सीट पर लोजपा प्रत्याशियों को जीत हासिल नहीं हुई थी। 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आजसू और लोजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। राज्य 81 सीटों में से 72 सीटों पर भाजपा, 8 पर आजसू और शिकारीपाड़ा सीट पर लोजपा ने उम्मीदवार उतारा था। हालांकि इस सीट पर लोजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था।
राज्य में सरकार का हिस्सा सुदेश महतो की पार्टी आजसू ने भी कुछ सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं। इसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की सीट चक्रधरपुर भी शामिल है। आजसू की 12 प्रत्याशियों की पहली सूची में चंदनकियारी और लोहरदगा के साथ 4 सीटें हैं, जिनपर भाजपा पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।
बिहार में भाजपा की सहयोगी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू झारखंड में अलग चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने पहले चरण की 13 में से 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। नीतीश 2009 में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 के चुनाव के दौरान उनकी पार्टी यूपीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी। हालांकि, एनडीए में वापसी के बाद नीतीश कई बार यह कह चुके हैं कि भाजपा से उनका गठबंधन सिर्फ बिहार में है। बाकी राज्यों में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।