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मध्य प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज, उद्धव ठाकरे ने PM से की शिकायत

मध्य प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज, उद्धव ठाकरे ने PM से की शिकायत

एक तरफ कोरोना का कहर जारी है तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर कहा है कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। एएनआई न्यूज़ एजेंसी ने इस बात का दावा सूत्रों के हवाले से किया है।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल के फैसला का इंतजार किया जाए। राज्य मंत्रिमंडल ने इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में मनोनीत किए जाने का प्रस्ताव रखते हुए परिषद की दो खाली सीटों में से एक पर राज्यपाल के कोटे में उन्हें मनोनीत करने की सिफारिश की है। दरअसल, ठाकरे विधान मंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में उन्हें 28 मई तक विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना होगा।

पिछले साल 28 नवंबर को ली थी शपथ

शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को बतौर मुख्यमंत्री शपथ लिया था। नियमों के मुताबिक, शपथ के ठीक छह महीने की अवधि के भीतर उन्हें विधायिका का सदस्य बनना होगा। अगर सदस्य बनने में वो असमर्थ होते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। मालुम हो कि इस बारे में राज्यपाल ने अभी फैसला नहीं लिया है।

राज्यपाल कोटे से मनोनीत की सिफारिश

गौरतलब है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने बीते दिनों मुलाकात की थी। सबने उद्धव ठाकरे को राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य के रूप में विधान परिषद में भेजने की मंत्रिमंडल की सिफारिश पर विचार करने का अनुरोध किया था। महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल में राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब और कपड़ा मंत्री असलम शेख शामिल थे।

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