ऐसा पहली बार नहीं है जब छठ पर्व से पहले यमुना में झाग नजर आए हैं. हर साल यही हालात रहते हैं और दिल्ली सरकार के तमाम दावे धरे के धरे रह दाते हैं. इस साल भी एक तरफ छठ पूजा के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रह हैं। घाट सजाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इस जहरीले झाग ने श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ये हालात तब हैं जब केजरीवाल सरकार ने यमुना की सफाई के लिए अतिरिक्त बजट भी जारी किया है।
दरअसल, यमुना के पानी में डिटरजेंट की मात्रा सीवेज से या फिर इंडस्ट्री से निकलने वाले कचरे से आती है. इसके चलते ही नदी में झाग बनता है. इंडस्ट्री से निकला कचरा भले ही कम हो, लेकिन सीवेज से निकले कचरे से ज्यादा खतरनाक होता है. ‘यमुना जिए’ अभियान के कन्वीनर मनोज मिश्र ने मार्च में बताया था कि ज्यादातर सरकारों का ध्यान महज सीवेज ट्रीटमेंट प्लान बनाने पर रहता है, जबकि यमुना के पानी में Industrial Effluent यानी इंडस्ट्री से निकलने वाला लिक्विड कचरा ज्यादा गिरने की वजह से यमुना के पानी में झाग बनता है । हालांकि दिल्ली सरकार लगातार आरोप लगाती रही है कि हरियाणा की फैक्ट्री से निकलने वाले पानी से भी यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ रहा है।
अगले महीने 17 से 20 नवंबर तक छठ का पर्व मनाया जाएगा। इसको लेकर पिछले महीने दिल्ली जल बोर्ड ने दावा किया था कि यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए तैयारियां पूरी की गई हैं। दिल्ली के कुल 250 वॉर्ड में हर एक को 40 हजार रुपये देने का दावा भी किया गया था, ताकि तैयारियों में किसी तरह की कमी नजर ना आए। यमुना का पानी जहरीला ना हो और जगह जगह झाग ना तैरें, ऐसे में यमुना में कालोनियों से निकलने वाले नाले न गिरें उन पर नजर रखने के साथ ही, एसटीपी की क्षमता को बढ़ाए जाने की बात भी कही गई थी।
पिछले महीने जलबोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा था कि ओखला बैराज के पौंड एरिया से जलकुंभी निकाली जा रही है। सबसे खांस इंतजाम किया जा रहा है कि जब पानी खोला जाए तो वो झरने की तरह नहीं बल्कि किसी स्लोप से टकराकर आए, जिससे ना हलचल होगी और ना ही झाग बनेगा। हाइड्रोलिक एक्सपर्ट से इस पूरे मामले में मदद ली जा रही है। हाइड्रोलिक की व्यवस्था ऐसी है कि वहां पर ऊंचाई से पानी गिरने पर झाग का फार्मेशन होता है इससे किसी भी तरह का खतरा नहीं है. झाग का भी अरेंजमेंट किया गया है जल बोर्ड ने व्यवस्था की है। झाग खत्म करने के लिए डोजिंग और केमिकल्स की व्यवस्था की गई है ताकि किसी को हानि न पहुंचे। भारती का दावा था कि दिल्ली में छठ व्रती स्नान कर पाएंगे और वह खुद डुबकी लगाएंगी।
वहीं अब इसको लेकर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है । उन्होंने कहा कि आज पूर्वांचल के लोगों को दोनों सरकारों ने अपने गांव वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया है। आनंद विहार हो या नई दिल्ली, भारी भीड़ छठ पर्व मनाने के लिए अपने गांव वापस जा रही है। क्योंकि सरकार ने यमुना की सफाई को लेकर कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि एक पत्र तक दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार को नहीं लिखा कि यमुना में पानी छोड़ा जाए। छठ का पर्व आते ही एक पार्टी यमुना में बोट चलाती नजर आती है और दूसरी सफाई करती हुई। लेकिन छठ पर्व के बीच में पूरा साल भर का टाइम होता है, तब ये सरकारें काम नहीं करती।