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पत्रकारों के लिए भी सुरक्षित नहीं रहा अफगानिस्तान , पुलिजर पुरस्कार विजेता दानिश की हत्या 

पडोसी देश अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से हालात काफी ख़राब हो गए हैं। तालिबानी हिंसा के चलते न सिर्फ अफगान के लोगों का जीना दूभर हो चुका है , बल्कि दुनिया के पत्रकारों के लिए भी काम करना सुरक्षित नहीं रहा। इस बीच  कंधार प्रांत में पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई है। अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने इसकी जानकारी दी है। दानिश सिद्दीकी अफगान सुरक्षा बलों के साथ एक रिपोर्टिंग असाइनमेंट कर रहे थे और उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई।

 

ममुंडजे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कल गुरुवार 15 जुलाई की रात कंधार में मेरे एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की दुखद खबर से गहरा दुख हुआ। भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों में शामिल थे। मैं उनसे दो हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मिला था। उनके परिवार और संबंधी के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। वहीं अफगानिस्तान के टोलो न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सिद्दीकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में की गई थी। हालांकि चैनल ने पूरी जानकारी नहीं दी। जानकारी के अनुसार सिद्दीकी ने हाल ही में एक पुलिसकर्मी को बचाने के लिए अफगान विशेष बलों द्वारा चलाए जा रहे एक मिशन को कवर किया था जिसके बाद से ही वह आतंकवादियों के निशाने पर थे। उनकी रिपोर्ट में अफगान बलों के वाहनों को रॉकेट से निशाना बनाए जाने की ग्राफिक छवियां शामिल थीं।

 


साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर पुरस्कार  से नवाजा गया

पुलित्जर पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं दानिश सिद्दीकी

साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर पुरस्कार  से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था। दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी जर्नलिस्ट के रूप में की थी, बाद में वह फोटो पत्रकार बन गए थे।

 

 


दक्षिणी शहर कंधार में और उसके आसपास भीषण लड़ाई

कंधार में और उसके आसपास भीषण लड़ाई 

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी शहर कंधार में और उसके आसपास भीषण लड़ाई की सूचना मिली है। तालिबान ने शहर के पास के प्रमुख जिलों पर कब्जा कर लिया है। इसके अलावा तालिबान द्वारा स्पिन बोल्डक जिले में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के सीमा से सटे क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए भी भारी हिंसा की जा रही है।

बता दें कि दानिश की मौत अफगान सेना और तालिबान के बीच हुई गोलीबारी के दौरान हुई है। इस दौरान उन्हें गोली लग गई थी। 40 वर्षीय दानिश इस संघर्ष के दौरान कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में ही थे। खबरों के  मुताबिक वो पिछले कुछ समय से कंधार में ही काम कर रहे थे। मुंबई के रहने वाले दानिश ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामियां यूनिवर्सिटी से इकोनोमिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद यही से  मास कम्युनिकेशन का कोर्स भी किया था। उन्होंने अपने की करियर की शुरुआत एक टीवी पत्रकार के रूप में  किया था। इसके बाद फिर फोटो पत्रकार के रूप में खुद को मजबूती  से  खड़ा किया था।

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