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पति की मौत के बाद गोद लिया गया बच्चा नहीं होगा पेंशन का हकदार

सुप्रीम कोर्ट ने पारिवारिक पैंशन नियम की एक याचिका की सुनवाई के दौरान फैसला सुनाते हुए कहा है कि किसी सरकारी पद पर कार्यरत व्यक्ति की मृत्यु के बाद पत्नी द्वारा गोद लिया गया बच्चा पारिवारिक पेंशन का हक़दार नहीं होगा।

 

कोर्ट की पीठ ने यह फैसला नवंबर, साल 2015 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को बरकार रखते हुए यह फैसला सुनाया है जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54 (14) (बी) के तहत, गोद लिया बच्चा पारिवारिक पेंशन का हकदार नहीं होगा।
कोर्ट का कहना है कि हिंदू दत्तक ग्रहण (गोद लेने) और रखरखाव कानून, 1956 की धारा 8 और 12, एक हिंदू महिला को अपने अधिकार में नाबालिग और मानसिक रूप से स्वस्थ किसी बच्चे को गोद लेने की अनुमति देती है। लेकिन पति की मृत्यु के बाद गोद लिया हुआ पुत्र या पुत्री परिवार की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता। उनके अनुसार उत्तराधिकारियों की पूर्व श्रेणी परिवार की परिभाषा के अंतर्गत आती है, क्योंकि अगर बच्चे को व्यक्ति की मृत्यु के बाद गोद लिया गया है तो ऐसा बच्चा कर्मचारी की मृत्यु के बाद का बच्चा होगा और उस बच्चे का व्यक्ति के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है। इस प्रकार नियम के अनुसार कर्मचारी की मृत्यु के बाद के बच्चे को पेंशन पाने का अधिकार नहीं मिल सकता । साथ ही कोर्ट ने इस बात की जानकारी भी दी कि परिवार पेंशन के लाभ पाने का दायरा केवल सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने जीवनकाल के दौरान कानूनी रूप से गोद लिए गए बेटे या बेटियों तक ही सीमित होता है।

 

क्या है मामला

 

सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मामले की सुनवाई इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई थी। यह मामला बॉम्बे के नागपुर जिले का है। जहाँ एक सरकारी कर्मचारी चिमुरकर जो राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन में अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 1993 में सेवानिवृत्त हो गए। वर्ष 1994 में उनकी मृत्यु हो गई इस वक्त उनका विवाह हो चुका था लेकिन कोई संतान नहीं थी। उनकी पत्नी ने उनके मरने के 2 साल बाद अप्रैल 1996 में एक बच्चे को गोद ले लिया। जिसने अब अपने पिता की पारिवारिक पेंशन की सुविधा प्राप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

पारिवारिक पेंशन नियम

 

सीसीएस (पेंशन) नियमों के नियम 54(14)(बी) नियम के अनुसार पारिवारिक पेंशन की सेवा प्राप्त करने वाले व्यक्तियों का मृत व्यक्ति के साथ संबंध या जुड़ाव प्रत्यक्ष रूप से होना चाहिए, दूरस्थ सम्बन्ध जैसे कोई रिश्तेदार आदि नहीं। इस नियम के तहत ये आवश्यक है कि परिवार के सदस्य का मृत सरकारी कर्मचारी के साथ करीबी और ऐसा संबंध होना चाहिए, जो अपने जीवनकाल के दौरान उस पर निर्भर रहे हों। इसलिए, एक पुत्र या पुत्री को अगर किसी मृत सरकारी कर्मचारी की विधवा द्वारा गोद लिया गया हो, तो सीसीएस (पेंशन) नियमों के आधार पर वह गोद लिया हुआ बच्चा ‘परिवार’ की परिभाषा में शामिल नहीं किया जा सकता है।

 

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