साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आदिवासी कार्ड खेल दिया है। यहां पर आदिवासी आबादी का 14.8 फीसदी हिस्सा है जो कि एक बड़ा हिस्सा है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल आदिवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस बीच गुजरात में ‘आप’ की सरकार बनने पर मुफ्त बिजली और सबको रोजगार का वायदा कर चुके केजरीवाल ने आदिवासी समाज के लिए छह बड़े एलान किए हैं।
‘आप’ ने आदिवासियों के लिए पेसा कानून को पूरी तरह लागू करने, ट्राइबल अडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन को आदिवासी समाज के किसी व्यक्ति को बनाने से लेकर हर गांव में स्कूल, मुफ्त इलाज, घर, सड़क और कास्ट सर्टिफिकेट की प्रक्रिया को आसान बनाने के वायदे किए हैं। गुजरात की कुल आबादी में आदिवासियों की करीब 14.8 फीसदी हिस्सेदारी है और 27 सीटें अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
बीते दिनों गुजरात पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने आदिवासी समाज को संबोधित कर कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी समाज पिछड़ा रह गया। सभी दलों को चुनाव से पहले ही उनकी याद आती है। सबने उनका शोषण किया। आदिवासियों के लिए संविधान में अलग व्यवस्था है, क्योंकि उनकी अलग संस्कृति और तौर- तरीका है, क्योंकि वे बहुत पिछड़े हैं। लेकिन कोई भी सरकार उन प्रावधानों को लागू करने को तैयार नहीं है। सभी की नजर उनकी जंगल-जमीन पर रहती है। अगर राज्य में ‘आप’ की सरकार बनेगी तो हमारी पहली गारंटी है आदिवासियों के लिए संविधान में जो ‘पेसा’ का प्रावधान है उसे लागू करेंगे। पेसा के तहत प्रावधान है कि सभी फैसले ग्रामसभा ही करेगी।’
केजरीवाल ने दूसरी गारंटी ट्राइबल अडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन किसी आदिवासी को ही बनाने की दी है। उन्होंने कहा कि गुजरात में सीएम इसके चेयरमैन हैं। इस व्यवस्था को खत्म किया जाएगा। आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो किसी आदिवासी को इसका चेयरमैन बनाया जाएगा। आदिवासी शिक्षा के अभाव में पिछड़े रह गए। दिल्ली का उदाहरण देते हुए उन्होंने वायदा किया कि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो हर आदिवासी गांव में अच्छा सरकारी स्कूल खोला जाएगा, जिनमें शिक्षा पाकर आदिवासी बच्चे आगे बढ़ पाएंगे।
इस दौरान केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी अस्पताल और ‘मोहल्ला क्लीनिक’ का उदाहरण दे सरकार बनने पर हर आदिवासी गांव में ‘गांव क्लीनिक’ खोलने की भी गारंटी दे दी है जहां सभी को पूरी तरह मुफ्त इलाज मिलेगा। चौथी गारंटी के रूप में उन्होंने कास्ट सर्टिफिकेट की प्रक्रिया को आसान बनाने की बात कही। पांचवीं गारंटी में उन्होंने कहा कि जिन आदिवासियों के पास अपना घर नहीं है, उन्हें पक्का मकान दिया जाएगा। छठी गारंटी यह है कि हर गांव में पक्की सड़क बनाई जाएगी।
‘आप’ को ईमानदार, शरीफों और देशभक्तों की पार्टी बताते हुए केजरीवाल ने कहा ‘हमें लड़ाई, झगड़ा, दंगे फसाद नहीं आते हैं। जिस किस्म के मुद्दे हम उठा रहे हैं आज तक 75 साल में किसी पार्टी ने नहीं उठाए हैं। बीजेपी ने एक सर्वे कराया है और लोगों से पूछा है कि ‘आप’ मुफ्त शिक्षा, बिजली जैसे वादे कर रही है, अधिकतर लोगों ने इसे सही बताया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आदिवासी मतदाता राज्य की राजनीति में गेम चेंजर हो सकते हैं, क्योंकि 182 सदस्यीय सदन में उनके लिए 27 सीटें आरक्षित हैं। गौरतलब है कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा 27 साल के शासन और लगभग तीन दशकों के जमीनी स्तर पर काम करने के बाद भी आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस के गढ़ में बड़ी पैठ बनाने में असमर्थ रही है।