देश की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टी भाजपा और कांग्रेस दोनों में से भाजपा एक ओर जहां लगातार बढ़ती ही जा रही है वहीं कांग्रेस का लगातार घटते जनाधार के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पहले दिल्ली उसके बाद पंजाब में प्रचंड जीत के बाद अब आप बाकी राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करने पर जोर देने की कोशिश में जुट गई है। हालांकि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अभी समय है लेकिन राजस्थान को लेकर आप अभी से सक्रिय हो गई है। वहीं कांग्रेस अपने अंदरूनी झगड़ों को सुलझाने में व्यस्त है। ऐसे में कहा जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आप ने जिस तरह पहले दिल्ली फिर पंजाब से कांग्रेस को बेदखल कर सत्ता हथियाई उसी तरह राजस्थान में भी आप बड़ा उलटफेर कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सकती है।
दरअसल ,मौजूदा समय में आप की सरकार दो राज्यों दिल्ली और पंजाब में है। लेकिन अब पार्टी सभी राज्यों की सत्ता हासिल करने की कोशिश में जुट गई है। पार्टी ने 9 राज्यों में पार्टी के प्रसार के लिए प्रभारियों और संगठन के लोगों के नाम की घोषणा की है। इन राज्यों में- असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब, राजस्थान और तेलंगाना शामिल हैं।
खासकर पंजाब में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी राजस्थान पर नजर जमाए हुए है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आप राजस्थान में चुनावी गोटियां सेट करने में जुट गई है। इसके लिए पार्टी राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रीय इलाकों में वर्चस्व रखने वाले नेताओं से संपर्क साधने में जुटी है।
आप की राजस्थान यूनिट से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कुछ राष्ट्रीय नेताओं को जिम्मेदारी दी है कि वे राजस्थान के बड़े नेताओं से संपर्क करें। पार्टी द्वारा राजस्थान के ऐसे नेताओं से संपर्क किया जा रहा है जो जमीनी स्तर पर जनता के बीच अच्छी छवि रखते हैं। उन नेताओं को आप अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जुटी है। पार्टी अलग-अलग इलाकों के इन नेताओं को शामिल कराने के लिए उनके ही क्षेत्रों में कार्यक्रम कराने की योजना भी बना रही है।
खबर है कि इसके लिए पार्टी राजस्थान में जमीन तैयार करने के लिए आगामी 26-27 मार्च को ‘विजय उत्सव’ सम्मेलन का भी आयोजन करेगी। सूत्रों के मुताबिक, इस कार्यक्रम के दौरान भी कई नेता आप में शामिल हो सकते हैं। इस बीच राजनीतिक गलियारों से खबर आ रही हैं कि राजस्थान की जाट बेल्ट में मजबूत पकड़ रखने वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक हनुमान बेनीवाल भी आप के साथ जा सकते हैं।
वर्ष 2018 में भी आप ने लड़ा था चुनाव
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में आप ने राजस्थान की 200 में से 142 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। पार्टी को राजस्थान में सिर्फ 0.4 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए थे।