भारत में कोविड-१९ के प्रकोप के चलते अब तक एक हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में है तो वहीं मरने वालों की संख्या भी २५ के पार जा चुकी है। इस वायरस से लड़ने के लिए सभी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। इसी बीच एक भारतीय महिला वैज्ञानिक मीनल दखावे भोसले ने एक सस्ता टेस्टिंग किट का निर्माण किया है जो अन्य विदेशी किट से काफी सस्ती है। ये किट मात्र 1200 रुपये की है। इससे संदिग्धों के बारे में भी आसानी से पता चल पाएगा। इसकी पहली खेप ३० मार्च यानी कल बाजार में आएगी।
मीनल ने किट तैयार करने की पूरी कहानी बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू बताई है। इस समय जो विदेशी किट बाजार में उपलब्ध है उसकी कीमत 4500 रुपये है तो वहीं ये केवल 1200 रुपये की है। वह बताती है कि हमारी किट कोरोना वायरस की जांच केवल ढाई घंटे में कर लेगी जबकि विदेशी किट से जाँच छह-सात घंटे में होती है।
मीनल ने अपने बच्चे को जन्म देने से कुछ घंटे पहले तक निरतंर कार्य कर भारत की पहली वर्किंग टेस्ट किट तैयार कर ली थी। एक किट से 100 सैंपलों की जांच हो सकती है। पुणे की मायलेब डिस्कवरी भारत की पहली ऐस फर्म बन चुकी है जो टेस्टिंग किट तैयार कर रही है और साथ ही उसकी बिक्री भी कर सकेगी। इस लैब की डेवलपमेंट प्रमुख वायरोलॉजिस्ट मीनल हैं। उन्होंने बताया, “हमारी किट कोरोना वायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेश से आने वाले किट से जांच में छह-सात घंटे लगते हैं।”
इस कंपनी के मेडिकल मामलों के निदेशक डॉ गौतम वानखेड़े ने कहा, “हमारी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट इस वीकएंड पर भी काम कर रही है, हम अगली खेप सोमवार को भेजेंगे।” कंपनी ने दावा किया है कि कंपनी एक हफ्ते के भीतर एक लाख कोरोना टेस्ट किट की कंपनी का यह भी दावा है कि वह एक हफ्ते के अंदर एक लाख कोविड-19 टेस्ट किट की मुहैया कर देगी। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट भी तैयार की जा सकती है।
मीनल के अनुसार, इस परियोजना में उनकी 10 वैज्ञानिकों की टीम ने काफी मेहनत की है और उसे सफल बनाया है। कंपनी ने 18 मार्च को किट की जांच के लिए उसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को भेजा था। इसके बाद बीते बुधवार की शाम को किट के प्रस्ताव को भारत के फूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी (सीडीएससीओ) के पास व्यवसायिक अनुमति के लिए भेजा गया था।
परखने के लिए भेजे जाने से पहले टीम ने इस किट को अलग-अलग मापदंडों पर कई बार जांचा और परिक्षण किया ताकि इसके नतीजे सही निकलें। मीनल भोसले बताती हैं, “अगर आपको किसी सैंपल के 10 टेस्ट करने हों तो सभी दसों टेस्ट के नतीजे एक समान होने चाहिए। हमने यह परफेक्शन हासिल कर लिया। हमारी किट परफेक्ट है।” भारत सरकार के इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मायलैब किट की ओर से मंजूरी दे दी गई है।