नई साल से मां वैष्णो देवी के दर्शन कर नई शुरुआत करने वाले श्रद्धालुओं को 1 जनवरी की रात महंगी पड़ गई। मामला जम्मू कश्मीर स्थित कटरा में वैष्णो देवी धाम का है। जिसमें सीआरपीएफ द्वारा वीआईपी लाइन लगाने के चक्कर में आम आदमियों पर लाठीचार्ज किया गया। जिसके चलते भगदड़ मची और 12 लोग मौत के मुंह में समा गए। अभी भी एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं । गंभीर रूप से घायल हुए लोगों का इलाज नजदीकी हॉस्पिटल में कराया जा रहा है केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो – दो तथा जम्मू-कश्मीर सरकार ने 10 – 10 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है।

वैष्णो देवी धाम में यह हादसा रात 2:45 बजे का है । उस समय भक्त माता के दर्शन करने के लिए लाइनों में लगे थे। बताया जाता है कि तभी सीआरपीएफ ने वहां वीआईपी लाइन लगवानी शुरू कर दी। जिससे दूसरी लाइन में लगे लोगों में रोष व्याप्त हो गया। जब इसका विरोध किया गया तो लाठीचार्ज कर दिया गया। इससे भगदड़ मच गई । यह खुलासा किया है चश्मदीद गवाह हिमांशु अग्रवाल ने। हिमांशु अग्रवाल हरियाणा के पानीपत निवासी है। वह अपने दोस्तों के साथ 2 दिन पहले वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए थे। वह बताते हैं कि वे दर्शन करके लौट रहे थे इसी दौरान दर्शन करके आने वाले और दर्शन करके वापस जाने वाले सभी लोगों की भीड़ चेकपोस्ट 3 के नजदीक जमा हो गई। वहां से आने का रास्ता और जाने का रास्ता बंद हो गया।
चश्मदीदों द्वारा बताया गया कि वहां व्यवस्था संभाल रही सीआरपीएफ के जवानों में गैर जिम्मेदार रवैया अपनाया। भीड़ को आगे पीछे करने की बजाय उन्होंने डंडों से काम लेना शुरू किया। इस दौरान वह लोगों पर लाठियां बरसाते हुए बोल रहे थे कि वीआईपी को आना है। उन्हें दर्शन करवाने हैं। रास्ता जल्दी खोलो। इसके बाद पुलिस बल द्वारा लाठियां चार्ज कर दी गई। हालांकि, सरकार द्वारा अभी तक इस संबंध में अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है कि किस वजह से हादसा हुआ।