दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के गोंडा में तीन दलित बहनों पर एसिड फेंकने की घटना में नया मोड़ आया है। दरअसल, पुलिस ने कल 13 अक्टूबर की रात को दावा किया था कि उसने आरोपी आशीष को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है, जबकि आरोपी आशीष की मां ने एनकाउंटर पर ही सवाल उठा दिया है। मां का कहना है कि घर से उठाने के बाद आशीष के पैर पर गोली मारी गई थी।
आरोपी आशीष की मां ने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाया है कि पुलिस ने आशीष को उसकी बहन के घर से उठाया था और घर से निकालने के बाद पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी थी। आशीष की मां का कहना कि अगर आशीष दोषी है तो उसे गोली मार दो, मुझे न्याय चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब होने के कारण हमें फंसाया जा रहा है। आशीष की मां ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई झूठी है। मां का मानना है कि आशीष का दोष सिर्फ इतना है कि उसने लड़की से बात की लेकिन उसने अपराध नहीं किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निष्पक्ष जांच की अपील की है।
गौरतलब है कि गोंडा के परसपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले दलित परिवार की बेटियों पर एसिड अटैक किया गया था। गोंडा के पुलिस अधीक्षक (SP) शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि तीन लड़कियों पर केमिकल से अटैक किया गया था। केमिकल की जांच की जा रही है। फॉरेंसिक टीम भी जांच कर रही है।
इस बीच पुलिस ने आरोपी आशीष को कथित मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, आशीष के बाइक पर करनैलगंज हुजूरपुर रोड की तरफ जाने की सूचना मिली। पुलिस ने उसका पीछा किया। उसे रुकने के लिए कहा, लेकिन उसने फायरिंग शुरु कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी की। जिसमें आशीष घायल हो गया।
दरअसल उत्तर प्रदेश के गोंडा में तीन दलित बहनों पर एसिड फेंकने की घटना 12 अक्टूबर को सामने आई । इस एसिड अटैक में तीनों बहनें नाबालिग हैं और उनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। डीआईजी समेत सभी आला अफसर मौके पर पहुंचे । पुलिस टीम ने घटनास्थल को सील करते हुए फारेसिंक टीम और डाग स्कवायड को लगाया है।
लड़कियों की मां की ओर से दी गई तहरीर में बच्चियों पर तेजाब फेंके जाने का जिक्र करते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। पिता ने बताया कि तेजाब फेंका गया है। पिता के मुताबिक घटना के कारणों की जानकारी नहीं है। पिता ने बताया कि उसकी किसी से कोई दुश्मनी भी नही हैं। यह वारदात उस वक्त अंजाम दी गई जब माता-पिता नीचे के कमरे में सो रहे थे और बड़ी बेटी अपनी छोटी बहनों के साथ छत पर बने एक कमरे में सो रही थी। परिजनों के अनुसार रात दो ढाई बजे के करीब चीख चिल्लाहट की आवाज पर जानकारी हुई। बताया जाता है कि कोई सीढ़ी लगा कर चढ़ा और घटना को अंजाम दिया । हालांकि एसपी केमिकल की बात कह रहे हैं लेकिन डीआईजी का कहना है कि जांच के बाद पता लगेगा फेंकी गया पदार्थ तेजाब है या अन्य कोई केमिकल। फिलहाल पसका गांव छावनी में तब्दील हो गया है।
वहीं जिला अस्पताल में भर्ती बच्चियों से मिलने को लेकर भाजपा, कांग्रेस और बसपा के नेता पहुंचे हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष को मिलने देने और अन्य को रोके जाने पर विपक्षी दलों के नेताओं से कहासुनी भी हुई है। गांव में डीआईजी डा0 राकेश सिंह, डीएम डा नीतिन बंसल और एसपी शैलेश पांडेय ने भी जांच पड़ताल की।