टीएमसी की सांसद शताब्दी रॉय पर कल पुरे दिन राजनीतिक परिचर्चा होती रही। उन्होंने यह कहकर सनसनी मचा दी है कि वह अपने राजनितिक भविष्य को लेकर 2 बजे धमाका करेगी। जिसमे कयास लगाए जाने लगे कि पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बेहद करीबी रहीं टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय उनका साथ छोड़ सकती हैं। शताब्दी रॉय के बहुत जल्द बीजेपी में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जाती रही ।
लेकिन शाम होते होते टीएमसी सांसद शताब्दी ने यूटर्न मार लिया। फिलहाल ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ उनकी मुलाकात होने के बाद संकट के बादल टल गए है । शताब्दी रॉय और अभिषेक बनर्जी के बीच कल कई घंटों की बात हुई, जिसके बाद रॉय ने अपना फैसला सुना दिया कि वह पार्टी नहीं छोड़ रही हैं।
अभिषेक बनर्जी से मुलाकात करने के बाद शताब्दी रॉय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं कल दिल्ली नहीं जा रही हूं। मैं तृणमूल कांग्रेस के साथ थी और आगे भी रहूंगी। बनर्जी के साथ मुलाकात में उन्होंने कई मुद्दे उठाए। शताब्दी ने कहा कि जो भी दिक्कतें मैंने उन्हें बताई, उसे उन्होंने एड्रेस किया। इससे मुझे सैटिफैक्शन मिला कि जो मैं चाहती थी, वैसी ही बात हुई है। ममता बनर्जी मुझे पहले भी बुलाती थीं और आगे जब भी बुलाएंगी, मैं जाऊंगी। लेकिन जहां पर मेरा वोटर है, उससे नही मिल पाना मेरा मुद्दा था। यह बात मैंने पहले भी बताई और आज भी बताई।
गौरतलब है कि शताब्दी रॉय साल 2009 से बीरभूम से सांसद हैं। फिलहाल राज्य में घनी ठंड के बीच सियासी पारा बढ़ गया है। टीएमसी के नेताओं के पार्टी छोड़ने का दौर जारी है। अब तक 10 विधायक के साथ ही ममता सरकार के एक मंत्री और सांसद पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके है। बीरभूम से टीमएसी सांसद शताब्दी रॉय के असंतोष जताने के बाद उन्हें लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे थे।