वैसे तो पार्टी मुखिया को उनके कार्यकर्ता चिट्टी पत्री लिखते रहते है, लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक जिलाध्यक्ष की चिट्ठी ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक भौकाल मचा दिया। यह चिट्टी लिखने वाले दतिया के पार्टी जिलाध्यक्ष अशोक दांगी है। जिसने अपने साथ ही सैकडो पार्टी नेताओ को कांग्रेस छोडने की धमकी दे डाली है।
हालाकि यह चिट्टी कई दिन पहले लिखी गई है। लेकिन जब यह सोनिया गांधी के दरबार में गई तो हाईकमान अपना फैसला बदलने को मजबूर हो गई है। फिलहाल चिट्ठी का असर है कि सोनिया अब कार्यकर्ताओ के दवाब में बताई जा रही है। दतिया की तर्ज पर दुसरे जिलो से भी अब पार्टी पदाधिकारीयो की सिंधिया के समर्थन में बगावत की खबर आने लगी है। फिलहाल, सोनिया गांधी पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश का मुखिया बनाने का मन बना चुकी है।
गौरतलब है कि दतिया के जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक दांगी ने एक चिट्ठी जारी कर पार्टी को चेता दिया है । उन्होंने लिखा है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की राजनीति से अब और दूर रखा गया तो वो अपने 500 समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे देगें ।
अपनी चिठ्ठी में कांग्रेस नेता दांगी ने यह भी लिखा है कि लिखा है कि मध्य प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहम रोल रहा। उनके बूते ही पार्टी ने चंबल-ग्वालियर रीजन में अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश से उन्हें दूर रखा जा रहा है । इसको पार्टी कार्यकर्ता अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं को सिंधिया की नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता हजम नहीं हो रही है । इसलिए उन्होंने षडयंत्र करके सिंधिया को प्रदेश की सियासत से दूर किया हुआ है । उन्होंने साफ कर दिया कि अगर पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया तो वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ दस जनपथ के बाहर प्रदर्शन करेंगे और अगर ये मांग पूरी नहीं हुई तो सामूहिक रूप से कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंप देंगे ।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 में से 28 सीटें भाजपा ने जीती थी । इसके बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष बदलने की मांग उठने लगी थी । खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दिल्ली जाकर सोनिया के समक्ष कल इस्तीफा भी दे दिया है। लेकिन अब तक नए अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो पाया है ।
बताया जा रहा है कि एक तरफ कमलनाथ अपने करीबी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कोशिश कर रहे है तो वहीं दूसरी तरफ सिंधिया समर्थक उनके नाम पर लामंबदी कर रहे हैं । ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो पा रहा है ।हालाकि कल इस मुद्दे पर महत्त्वपूर्ण बैठक होगी। जिसमे कमलनाथ और सिंधिया दोनो सोनिया के सामने हाजिर होंगे। कल अध्यक्ष पद पर फैसला हो सकता है।