ताजमहल समेत अन्य स्मारकों में महिला पर्यटकों के सामने तब असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है ,जब उन्हें अपने दुधमुंहे बच्चों को स्तनपान कराना होता है परन्तु इस मामले में पहली बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा महिलाओं की निजता का ख्याल रखते हुए बेबी फीडिंग रूम खोलने की एक सराहनीय पहल की गयी है। देश भर से ताजमहल देखने के लिए नवजात शिशुओं के साथ आने वाली माताओं के लिए अब ताजमहल परिसर में एक वातानुकूलित बेबी फीडिंग रूम खोल दिया गया है। ताजमहल परिसर में इस नर्सिग रूम का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल द्वारा किया गया।
‘किसी भारतीय स्मारक में खुलने वाला यह पहला बेबी फीडिंग रूम है।’
-एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकर
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ताजमहल परिसर में 12 बाई 12 फीट का कमरा है। इसमें डायपर चेंजिंग टेबल, सोफा सेट है, जिसे खास तौर पर बच्चे को फीड कराने के लिए बनाया गया है ,और इसमें रबर फ्लोरिंग भी है। साथ ही वहां एक महिला कर्मचारी भी होगी जो माताओं का सहयोग करेंगी। इस कक्ष से स्तनपान कराने वाली माताओं को निजी जगह मिलेगी। यह एक बहुत महत्वपूर्ण विषय था जिसके लिए इस साल की शुरुआत में ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा यहां एक स्तनपान कक्ष बनाने के लिए एएसआई आगरा सर्किल ने दिल्ली मुख्यालय को तीनों वर्ल्ड हेरिटेज स्मारकों में बेबी फीडिंग रूम खोलने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे पास कर जल्दी शुरूआत करने को कहा गया था। बेबी फीडिंग रूम को खोलने से पहले ताजमहल में बड़ी संख्या में आने वाली अंतर्राष्ट्रीय महिला पर्यटकों से मिले फीडबैक और स्थिति पर विचार किया गया था, जब जाकर आगरा सर्किल के एएसआई अधिकारियों ने यह प्रस्ताव तैयार किया था।