आईफोन बनाने वाली एप्पल कंपनी पर यूरोप में 14 अरब डॉलर का टैक्स केस दर्ज हुआ है । मंगलवार को लक्समबर्ग में यूरोपियन यूनियन के लोअर जनरल कोर्ट में ऐपल पर 14 अरब डॉलर की टैक्स देनदारी केस की सुनवाई शुरू हुई है। मामला यूरोपियन यूनियन कमिशन (EUC) के 2016 के उस ऑर्डर के खिलाफ है, जिसमें आयोग ने आयरलैंड को 14 अरब डॉलर के भुगतान का आदेश दिया था। यह एक ऐसा केस है जिसमें ऐपल और आयरलैंड, दोनों EUC के उस आदेश के खिलाफ हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के वकील एक लक्समबर्ग अदालत में यूरोपीय यूनियन के अधिकारियों का सामना करेंगे, उस फैसले को चुनौती देंगे जिसको सीईओ टिम कुक ने उस समय “कुल राजनीतिक बकवास” कहा था।
यूरोपीय आयोग के निष्कर्ष को अगस्त 2016 में कम्पटीशन कमिश्नर मार्ग्रेथ वेस्टेगर द्वारा दिया गया था जिसमें उनहोने एक चौंकाने वाला निर्णय लिया जिसने अमेरिका को बड़ी तकनीक की ताकत पर लगाम लगाने के लिए एक उभरते प्रयास में सबसे आगे रखा।
मंगलवार और बुधवार को दो दिन की सुनवाई यूरोपीय संघ की निचली सामान्य अदालत में होगी, जहां न्यायाधीश 2020 से पहले अपना फैसला नहीं देंगे। कोई भी अपील यूरोपीय यूनियन के सुप्रीम कोर्ट, यूरोपीय न्यायालय के अंतिम निर्णय के लिए जाएगी, जो 2021 तक देर से उतर सकती है।
यूरोपीय यूनियन ने आरोप लगाया कि आयरलैंड में यूरोप, अफ्रीका, मध्य पूर्व और भारत में अर्जित पार्किंग के बिना उपयोग के राजस्व में वृद्धि हुई है, जो कि बड़ी तकनीक और वैश्विक फार्मा दिग्गजों के लिए एक यूरोपीय केंद्र के रूप में उभरा है।
ऐपल का दावा है कि एक बार वापस मुनाफा कमाने के बाद वह निश्चित तौर पर अमेरिका में 37 अरब डॉलर के टैक्स का भुगतान कर देगी। कंपनी का कहना है कि वह कॉफी चेन स्टारबक्स और कार निर्माता फिएट क्राइसलर के केस के नतीजे पर नजर टिकाए बैठी है, जो 24 सितंबर को आने वाला है। दोनों पर भी EUC में टैक्स-अवॉइडेंस का केस चल रहा है।
यूरोपीय संघ ने एप्पल पर पार्किंग पर अघोषित राजस्व का आरोप लगाया जो आयरलैंड में यूरोप, अफ्रीका, मध्य पूर्व और भारत में कमाई गयी है, जो बड़ी तकनीक और वैश्विक बड़ी फार्मा के लिए एक यूरोपीय केंद्र के रूप में उभरा है।
यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनावपूर्ण व्यापार के संदर्भ में दो दिन की सुनवाई हो रही है जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय लोगों पर अमेरिकी की बड़ी टेक्नोलॉजी पर जानबूझकर हमला करने का आरोप लगाया है।
ऐपल का दावा है कि एक बार वापस मुनाफा कमाने के बाद वह निश्चित तौर पर अमेरिका में 37 अरब डॉलर के टैक्स का भुगतान कर देगी। कंपनी का कहना है कि वह कॉफी चेन स्टारबक्स और कार निर्माता फिएट क्राइसलर के केस के नतीजे पर नजर टिकाए बैठी है, जो 24 सितंबर को आने वाला है। दोनों पर भी EUC में टैक्स-अवॉइडेंस का केस चल रहा है।