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हरियाणा में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुई भर्ती में बरती गई अनियमितता, 816 ड्राइंग टीचर बर्खास्त

देश में सरकारी नौकरी हर युवा और उनके माता-पिता का सपना होता है कि हमारा बेटा सरकारी कर्मचारी बने। इसके लिए कई युवा मेहनत करते हैं तो कई अपने पैसों और राजनीतिक पहुंच के चलते सरकारी नौकरी को प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन मेहनत वाला युवा अगर पीछे रह जाता है तो सरकारी तंत्र उसके लिए जिम्मेदार बन जाता है। वह पूरी जिंदगी सरकारी तंत्र को कोसता रहता है। भ्रष्टाचार का बोलबाला हर जगह है सरकारी से लेकर प्राइवेट तंत्र तक इसकी जड़ें फैली हुई हैं । सरकारी क्या आजकल प्राइवेट तक में सिफारिश की आवश्यकता पड़ने लगी है। हरियाणा में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भर्ती 816 ड्राइंग टीचरों को भी अब नौकरी से निकाले जाने की तैयारी पूरी हो गई है। भर्ती को लेकर 2006 में विज्ञापन आया था, और यह भर्ती प्रक्रिया 2008 में चली।

इस भर्ती पर आरोप लगा है कि भर्ती में अनियमितता बरती गई। दरअसल विज्ञापन में जिस पैमाने का निर्धारित किया गया था, भर्ती उसके हिसाब से नहीं की गई थी। केवल अभियार्थियों का इंटरव्यू हुआ और उसके बाद सीधी फाइनल कटऑफ रिलीज कर दी। जिन अभियार्थियों का सलेक्शन हुआ उनको 2010 में जॉइनिंग दी गई। इसके बाद भर्ती में हुई अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट में इसके खिलाफ य़ाचिका डाली गई। उसके बाद वहीं फिल्मी कहावत अदालत की डेट पर डेट। आखिरकार अब हाईकोर्ट ने इस भर्ती पर अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट के निर्देश पर 816 ड्राइंग टीचर को बर्खास्त कर दिया गया है। ड्राइंग टीचर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के बाद डबल बेंच में गए थे। परंतु वहां भी वे केस हार गए। इसके बाद देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली।

कांग्रेस शासनकाल की यह दूसरी भर्ती है जिसे कोर्ट ने रद्द कर लंबे समय से नौकरी कर रहे कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखाया है।इससे पहले 1983 पीटीआई की छुट्‌टी की जा चुकी है। हालांकि उन्हें 25 हजार रुपए मासिक के आधार पर वालिंटियर के आधार पर रखा जा रहा है। ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इन ड्राइंग टीचरों की भी इनकी तर्ज पर सरकार एडजस्ट कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट में इनकी याचिका खारिज होने के बाद मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से इनकी रिपोर्ट मांग ली है। इससे पहले 1983 पीटीआई की छुट्‌टी की जा चुकी है। हालांकि उन्हें 25 हजार रुपए मासिक के आधार पर वालिंटियर के आधार पर रखा जा रहा है। ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इन ड्राइंग टीचरों की भी इनकी तर्ज पर सरकार एडजस्ट कर सकती है।

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