छह दिन पहले उत्तर प्रदेश के आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या करके भागा आतंकी विकास दुबे आज मध्य प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में आ गया। छह दिन तक यूपी पुलिस की नाक में दम करने वाला विकास आखिर मध्य प्रदेश तक कैसे पहुंचा, यह एक सवाल है। इसी के साथ ही सवाल यह भी है कि विकास की मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तारी की है या उसका आत्मसमर्पण कराया गया है?
जिस तरह से विकास दुबे का पॉलिटिकल एप्रोच लगातार सामने आ रहा है उससे विकास की पुलिस गिरफ्त पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे पहले तो यह है कि छह दिन पूर्व जब उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात थे तो विकास कैसे हरियाणा के फरीदाबाद पहुंचा? जहा से पुलिस ने उसके तीन साथियों को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद वह हरियाणा के फरीदाबाद से कैसे 800 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के उज्जैन में पहुंच गया?
क्या इस दौरान पुलिस को वह दिखाई नहीं दिया या पुलिस से जानबूझकर बचाया जाता रहा। कई दिन से चर्चाओं का दौर था कि कानपुर कांड का मुख्य अभियुक्त विकास कोर्ट में सरेंडर करना चाहता था। जिसके लिए उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली और एनसीआर के सभी कोर्ट में पुलिस की तैनाती कर दी गई थी। हालांकि, इस दौरान पुलिस ने उसके दो साथियों को इनकाउंटर में मार गिराया था। पुलिस चुन-चुन कर उसके साथियों को पकड़ कर मौत के हवाले कर रही थी। ऐसे में कहा जा रहा था कि विकास को भी पुलिस ठिकाने लगाने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
https://twitter.com/abbaszahid24/status/1281094677987422208
कहा यह भी जा रहा था कि अगर विकास जिंदा गिरफ्तार होता है तो वह कई सफेदपोश नेताओं की पोल खोल सकता है। इसके मद्देनजर उसका मारा जाना चर्चा का विषय बना हुआ था। फिलहाल जिस तरह से मध्य प्रदेश पुलिस कह रही है कि उसने उज्जैन के महाकाल मंदिर के सामने से विकास दुबे को गिरफ्तार किया है उसमें मंदिर के पुजारियों और आसपास के लोगों की बयान की जांच होनी जरूरी होगी।
सवाल यह भी है कि उज्जैन के महाकाल मंदिर के पुजारियों ने विकास दुबे को पहचान कर पुलिस को सूचना दी या पुलिस ने उसे सीधा गिरफ्तार किया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि महाकाल मंदिर में लखन यादव नाम के एक गार्ड ने गैंगस्टर विकास दुबे को पहचाना था और उसे पुलिस को सौंप दिया। हालांकि, मध्य प्रदेश पुलिस इसे अपनी गिरफ्तारी दर्शा रही है।