संविधान का मतलब होता है ‘सर्वश्रेष्ठ विधान’ भारत के संविधान की किताब कोई आम किताब नहीं बल्कि प्रतीक है हमारे देश का।
हिन्दुस्तान में बहुत सी भाषाओं,धर्मों तमाम प्रकार की जातियों प्रजातियों वाले उपमहादेश को तंग नजरिये से नहीं देखा जा सकता और ऐसे देश ऐसे समाज में पुरानी रीतियों को तोड़कर सबको साथ लेकर चलने के लिए किसी पुराने कानून से भी काम नहीं चल सकता इसीलिए हमारे पुरखों ने बनाया था हमारा संविधान,हमारा कानून।
आज का दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत को संविधान निर्माता कहा जाता है। वे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। संविधान सभा में जवाहरलाल नेहरू ने 13 दिसंबर 1946 को एक उद्देशिका पेश की थी। जिसमें बताया गया था कि किस प्रकार का संविधान तैयार किया जाना है।
संविधान सभा क्या है?
संविधान सभा चुने गए जनप्रतिनिधियों की जो सभा संविधान नामक विशाल दस्तावेज को लिखने का काम करती है उसे संविधान सभा कहते हैं ।
भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे । संविधान सभा की पहली बैठक 4 दिसंबर 1946 को हुई थी । इसके तत्काल बाद देश दो हिस्सों (भारत और पाकिस्तान) में बंट गया। संविधान सभा भी दो हिस्सो में बंट गई- भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा। भारतीय संविधान लिखनें वाली सभा में 299 सदस्य थे । इसने 26 नवंबर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया। संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ । इसी दिन कि याद में हम हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।
वर्तमान समय में केवल 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 24 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं।
भारतीय संविधान में प्रस्तावना का विचार अमेरिका के संविधान से लिया गया है। वहीं प्रस्तावना की भाषा को ऑस्ट्रेलिया संविधान से लिया गया है। प्रस्तावना की शुरुआत”हम भारत के लोग”से शुरू होती है और”26 नवंबर 1949 अंगीकृत” पर समाप्त होती है।
संविधान संसोधन क्या है ?
भारतीय संविधान का संशोधन भारत के संविधान में परिवर्तन करने की प्रक्रिया है। इस तरह के परिवर्तन भारत की संसद के द्वारा किये जाते हैं।
अब तक 124 संविधान संशोधन विधेयक संसद में लाये गये हैं जिनमें से 103 संविधान संशोधन विधेयक पारित होकर संविधान संशोधन अधिनियम का रूप ले चुके हैं। 124वां संविधान संशोधन विधेयक 9 जनवरी 2019 को संसद में अनुच्छेद_368 संवैधानिक संशोधन के विशेष बहुमत से पास हुआ, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को शैक्षणिक संस्थाओं में 8 अगस्त 2016 को संसद ने वस्तु और सेवा कर (GST) पारित कर 101वाँ संविधान संशोधन किया।