कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से आम जनता को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा। ऐसे में कई लोग नि:स्वार्थ भाव से लोगों की मदद के लिए आगे आए। यह मदद अब भी जारी है। कुछ ऐसा ही कर रहे हैं 70 साल के सुरेश कुमार।
सुरेश कुमार ने लोगों की सेवा में लगे पुलिस जवानों, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों के लिए अपने होटल में नि:शुल्क आवास सुविधा दे रखी है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने चार किरायेदार दुकानदारों का दो महीने का 58,000 का किराया भी नहीं ली है।
सुरेश कुमार को बचपन से सेना में जाकर देश सेवा का शौक था। जब वो पढ़ाई के कर रहे थे तभी सेना में चयनित भी हो गए थे लेकिन परिवार के जिद और मनाही के कारण नहीं गए और शिक्षक की नौकरी करने लगे। शिक्षक के तौर पर उन्होंने 32 साल सेवा दिया।
अब वे कांगड़ा ज़िले के भड़ोली पंचायत के ज्वालामुखी में होटल चला रहे हैं। लॉकडाउन शुरू होते हुए पुलिस पोस्ट स्थापित हुईं थी। तब उन्होंने होटल में पुलिस जवानों व ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों को रहने खाने की निशुल्क सुविधा देनी शुरू कर दी।
इस पर सुरेश कुमार का कहते हैं, “मुझे बचपन से ही सेना में जाकर देश सेवा करने का शौक था। मैं पढ़ाई के दौरान सेना में चयनित भी हो गया था, लेकिन परिवार की ज़िद के चलते शिक्षक बन गया। हालांकि, सेना में तो नहीं जा सका, लेकिन कोरोना काल में देशहित में काम करके सेना में जाने की इच्छा पूरी हो गई है।”
बता दें कि सुरेश कुमार के पिता और दादा देश के लिए शहीद ही गए थे। उनके पिता स्वर्गीय सूबेदार मान सिंह 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे, जबकि दादा स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह ‘प्रथम विश्व युद्ध’ में मुल्तान मोर्चे पर शहीद हुए थे।
उनके ताया हरनाम सिंह ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ में शहीद हुए जबकि भतीजा कैप्टन शैलेश सेना के ‘गाजिकुंड ऑपरेशन’ के दौरान जम्मू में शहीद हो गए थे। वहीं इस पर डीएसपी ज्वालामुखी तिलक राज शांडिल्य ने कहा है, “सुरेश कुमार सही में प्रेरणास्रोत हैं। कोरोना संकट में इन्होंने पुलिस की जो सहायता की उसे भुलाया नहीं जा सकता।” बता दें कि सुरेश कुमार अब भी प्रशासन की सहायता कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कोविड केयर फंड में 11 हजार रुपये की राशि भी दी है।