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बिहार के 7 मजदूर साईकिल से निकले 1300 किमी के सफर पर, एक की शाहजहांपुर में मौत

बिहार के 7 मज़दूर साईकिल से निकले 1300 किमी के सफर पर, एक की शाहजहांपुर में मौत

दुनिया भर में 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस दिन मजदूरों के लिए सरकार नई-नई घोषणाएं करती है। हालांकि, इस बार कोरोना बीमारी के चलते घोषणाएं तो नहीं हुई। लेकिन हां उनके लिए श्रमिक रेल जरूर चल गई। यह श्रमिक रेल मजदूरों को दूरदराज के राज्यों से उनके घर पहुंचाने का रास्ता तय कर रही है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी मजदूर है जिन्होने श्रमिक रेल की बजाए अपनी साइकिल पर ही घर का सफर शुरू कर दिया है।

ऐसे ही 7 मजदूर चार दिन पहले दिल्ली से बिहार के लिए निकल चुके थे। सातों मजदूरों ने अपनी-अपनी साइकिल उठाई और दिल्ली से बिहार के 1300 किलोमीटर लंबे सफर पर पर चल दिए। लेकिन कहते हैं कि सफर इतना आसान नहीं होता है जितना इंसान समझता है। सातों मज़दूरों ने अपने मंजिल का सफर का एक तिहाई भाग भी तय नहीं किया था कि इसी दौरान मजदूर दिवस पर एक मजदूर की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि चार दिन पहले वह सभी दिल्ली से बिहार के लिए चले थे। सातों मजदूर दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर तक उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर पहुंच गए थे। जहां वह आराम करने को रुके थे । इसके बाद अगले सफर की तैयारी की जा रही थी। इसी दौरान धर्मवीर नाम के एक मजदूर की तबीयत खराब हो गई । जिसे स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया। जहां धर्मवीर ने दम तोड़ दिया।

मृतक धर्मवीर के साथी 6 मजदूर शाहजहांपुर के पोस्टमार्टम हाउस में अपने मित्र की डेड बॉडी का अभी इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मृतक धर्मवीर बिल्कुल सही था। उसके साथी बताते हैं कि वह दिल्ली में दिहाडी मजदूर हैं। वह सभी वही रुके हुए थे। लेकिन कई दिनों से उनको दिल्ली सरकार खाना पानी नहीं दे रही थी।

इसके चलते उनकी भूखे मरने की नौबत आ गई थी । इस कारण उन्होंने अपने गृह प्रदेश बिहार जाने का निर्णय लिया । जहां साइकिल पर ही निकल लिए थे। लेकिन धर्मवीर तो शायद पता नहीं था कि उसकी जिंदगी का यह सफर आखिरी सफर साबित होगा । फिलहाल शाहजहांपुर प्रशासन ने बाकी से मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने के आदेश दे दिए हैं।

बिहार के जिला खगड़िया के खरैता गांव निवासी मृतक धर्मवीर की उम्र तकरीबन 35 साल थी। वह दिल्ली के तैय्याईबाग सबूर बस्ती में रहता था। मेहनत मजदूरी कर गुजर बसर करता था। साथ में जिला खगड़िया गांव के छोटू, खरैता निवासी सुशील, जिला मध्यपुरा के थाना हापुर रदबरा के आलमनगर निवासी करन कुमार, जिला सहरसा के गांव मुकुंदनगर निवासी सुरेंद्र, वृदावन गांव निवासी रंजीत, दुहविया गांव निवासी महेश भी रहते थे।

होली के बाद सभी दोबारा दिल्ली गए थे। इसी दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन लग गया और सभी दिल्ली में फंस गए थे। तीन माई से लॉकडाउन और बढ़ने की आशंका के चलते सभी को परिवार वालों की चिंता सताने लगी। चार दिन पूर्व सातों लोग अपनी साइकिल से बिहार के लिए चल दिए। सभी शाहजहांपुर जिला पहुंचे। बारिश के कारण हाईवे पर स्थित एक कोठरी में सो गए। जहां सुबह धर्मवीर की मौत हो गई।

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