उन्नाव दुष्कर्म मामले में पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसके भाई अतुल सेंगर समेत पीड़िता के पिता की हत्या में शामिल सात लोगों को 10-10 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने सेंगर समेत सभी आरोपियों पर 10-10 लाख का जुर्माना भी लगाया जो पीड़िता के परिवार वालों को दिया जाएगा। इससे पहले पीड़ित के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। कोर्ट ने कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर और दो पुलिसकर्मियों और अन्य तीन आरोपियों को दोषी ठहराया था।
सेंगर ने गुरुवार को जज धर्मेश शर्मा के सामने गिड़गिड़ाते हुआ कहा कि कृपया मुझे न्याय दें, मैं निर्दोष हूं। अपना बचाव करते हुए सेंगर ने कहा कि मुझे इस घटना की जानकारी तक नहीं थी। अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मेरी आंखों में तेजाब डाल दें या फांसी पर लटका दें। कोर्ट ने सेंगर से कहा कि वह मामले में सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार कर चुके हैं। अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब शुक्रवार को दस बजे सेंगर समेत अन्य दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।
पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल, 2019 को हिरासत में मौत हो गई थी। पीड़िता के परिवार वालों ने सेंगर और उनके साथियों पर हत्या का आरोप लगाया था। हालांकि, पहले कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोप में सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवाकर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी।
उत्तर प्रदेश में कुलदीप को दलबदलू नेताओं के रूप में जाना जाता है। चार बार विधायक रहा कुलदीप कभी चुनाव नहीं हारा, उसने उन्नाव जिले की अलग-अलग तीन सीटों पर चुनाव जीता। 2002में कुलदीप ने बसपा की तरफ से सदर में चुनाव जीता, उसके बाद 2007 में सपा की तरफ से टिकट दिया गया और कुलदीप ने बांगरमऊ से चुनाव जीता। 2012 में फिर सपा की तरफ से चुनाव जीता। 2017 में कुलदीप ने भाजपा को ज्वॉइन किया और बांगरमऊ से चुनाव लड़ा और जीता।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सेंगर का केस दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। उसके बाद दिल्ली कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे और कोर्ट ने उनके ऊपर 25 लाख का जुर्माना लगाया था। सेंगर को बीजेपी ने पार्टी से निलबिंत कर दिया था और उसकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी थी।