राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा फिलहाल विपक्षियों के निशाने पर हैं ।वह अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए चर्चाओं में है। पूर्व में आरएएस परीक्षा के दौरान उनके तीन रिश्तेदारों को 80 प्रतिशत अंक मिलने पर काफी हो हल्ला मच रहा था। यह मामला थमा भी नहीं था कि अब उनके समधी जो फिलहाल में चूरू जिला शिक्षा अधिकारी हैं को नियम विपरीत पदोन्नति करने का मामला उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है।
डोटासरा के समधी रमेश चंद पूनिया को राजस्थान सरकार ने चूरू के जिला शिक्षा अधिकारी से उपनिदेशक पद पर पदोन्नति की है। जिसमें शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर आरोप है कि उन्होंने अपने समधी को पदोन्नत करवाने के लिए शिक्षा विभाग की डीपीसी यानी कि डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी को 2 दिन पहले ही करवा दिया। यह कमेटी 28 29 को मीटिंग लेकर निर्णय देती । इससे पहले ही शिक्षा मंत्री डोटासरा ने 26 जुलाई को डीपीसी करा दी।
आरोप है कि शिक्षा मंत्री ने गुपचुप तरीके से राज्य लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भिजवा दिया गया। आयोग ने भी 2 दिन पहले ही इस प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री के समधी को प्रोन्नत करके की प्रक्रिया पूरी कर दी। यहां यह भी बताना जरूरी है कि 30 सितंबर को शिक्षा मंत्री के समधी रमेश चंद पूनिया सेवानिवृत्त होने वाले हैं। लेकिन इससे पहले ही मंत्री ने यह कारनामा कर दिखाया। दूसरी तरफ राजस्थान में पिछले दिनों हुई राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक परीक्षा के परिणाम काफी चर्चाओं में है। इन परीक्षाओं में जहां कुछ लोगों के अंक अधिक नहीं थे लेकिन उन्हें इंटरव्यू में पास करा कर नियुक्ति देने का मामला गहलोत सरकार के लिए मुश्किल भरा हो गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा इसमें फंसते हुए नजर आ रहे हैं।
इसके पीछे डोटासरा के रिश्तेदारों के ज्यादा मिले अंक विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। फिलहाल, चर्चा है कि मुख्यमंत्री गहलोत डोटासरा के पर कतर सकते हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि डोटासरा को शिक्षा मंत्री से हटाया जा सकता है। गोविंद सिंह डोटासरा फिलहाल 2 – 2 पद की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। राजस्थान सरकार में जब सचिन पायलट सरकार में डिप्टी सीएम थे तथा संगठन में प्रदेश अध्यक्ष थे तब उन पर 2 – 2 पद संभालने पर कांग्रेस के नेताओं ने ही ऑब्जेक्शन किए थे। तब कांग्रेस की नीति एक व्यक्ति दो पद का जबरदस्त विरोध हुआ था । हो सकता है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार में शिक्षा मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को इस कारण से भी एक पद से हटा दें। वैसे भी अशोक गहलोत को सचिन पायलट खेमे को मनाने के लिए कई मंत्री पद देने हैं। जिसके लिए उन्हें कुछ मंत्रियों की छटनी भी करनी पड़ेगी। उनमें डोटासरा का नंबर आ सकता है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक परीक्षा के परिणाम जबरदस्त चर्चाओं में रहे। चर्चाओं में वह इसलिए रहे कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों के नंबर अप्रत्याशित रूप से बढे हुए थे। आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा टॉपर मुक्ता राव को इस परीक्षा में 77 प्रतिशत अंक मिले थे। जबकि शिक्षा मंत्री के रिश्तेदारों को उससे अधिक अंक मिलने पर सरकार सवालों के घेरे में आ गई।
बताया जा रहा है कि गोविंद सिंह डोटासरा की बहू प्रतिभा, प्रतिभा का भाई गौरव एवं बहन प्रभा को राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक मिले। तब से ही है यह मामला चर्चाओं में आ गया। बताया जा रहा है कि तीनों को लिखित परीक्षा में महज 50 प्रतिशत अंक ही मिले थे। जबकि बाद में जब इंटरव्यू के बाद परीक्षा परिणाम घोषित हुए तो शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार राजस्थान की टॉपर से भी आगे निकल गए। बहरहाल, यह मामला कोर्ट में चला गया है। लेकिन दूसरी तरफ जनता की अदालत में राजस्थान के शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कटघरे में खड़े नजर आ रहे हैं।