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भारतीय सड़कों पर दौड रहे हैं 57 प्रतिशत वाहनों का बीमा नहीं

जब हम कोई कार, मोटरसाइकिल खरीदते हैं तो उसका बीमा करवाया जाता है। ताकि किसी दुर्घटना या अन्य कारण से वाहन क्षतिग्रस्त हो जाने पर उसका इंश्योरेस मिल सके। पंरतु हाल ही में बीमा सूचना ब्यूरों ने एक रिपोर्ट जारी की जिससे पता चलता है कि भारत की सड़को पर 57 फीसदी वाहन ऐसे दौड़ रहे हैं जिनका कोई बीमा नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बड़ी संख्या में वाहन मालिक अपनी मोटर बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं कर रहे हैं।

सूचना ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सड़कों पर बिना बीमा के वाहनों का अनुपान  वर्ष 2018 में 54 प्रतिशत से तीन प्रतिशत अंक बढ़कर वर्ष 2019 में 57 प्रतिशत हो गया है। 31 मार्च, 2019 तक भारत में सड़क पर 23 करोड़ से अधिक वाहनों में से, बिना बीमा वाहनों का प्रतिशत लगभग 57% है। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय सड़कों पर लगभग 13.2 करोड़ वाहन अनिवार्य तृतीय-पक्ष बीमा कवर के बिना चल रहे हैं। इन वाहनों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल पाता, क्योंकि कोई एक बीमा कंपनी नहीं होगी जिस पर देनदारी टिकी हो सके।

वर्ष 2018 में रिपोर्ट के अनुसार, सड़क पर लगभग 21.1 करोड़ वाहनों में सिर्फ 11.4 करोड़ वाहनों का बीमा नहीं किया गया था। एक साल में करीब दो करोड़ वाहनों की बढ़ोतरी हुई, जिनके प्रति कोई शिकायत नहीं आई है। बिना बीमा ज्यादातर दोपहिया वाहन हैं। भारत में 15 राज्य ऐसे हैं जिनमें उनके 60% से अधिक वाहन बिना बीमा के हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण भारतीय राज्य बीमा करवाने के मामले में सबसे आगे हैं।

बीमाकर्ताओं के अनुसार, राज्य सरकारों के लिए बिना बीमा वाहनों की पहचान करना संभव है क्योंकि उनके पास बिना बीमा वाहनों का सारा डाटाबेस है। वर्ष 2018-19 में मृत्यु दावों के लिए औसत निपटान राशि 9,01,207 रुपये थी, और चोट के दावों के लिए यह 2,51,094 रुपये थी। यह संख्या साल दर साल बढ़ रही है क्योंकि इसे आय और मुद्रास्फीति के स्तर से जोड़ा गया है।

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