लक्ष्मण सिंह नेगी
- श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद :
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा
- अन्य विशिष्टजन कपाट बंद होने के साक्षी रहे।
- केदारनाथ धाम में बारिश एवं बर्फबारी के बीच कपाट बंद हुए।
- श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन गद्दीस्थल को प्रस्थान
18 नवंबर को उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी इस यात्रा वर्ष एक लाख पैतीस हजार से अधिक श्रद्धालु भगवान केदारनाथ धाम के दर्शन को पहुंचे। बारिश एवं बर्फवारी के साथ विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज के अवसर पर प्रातः 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। प्रातः तीन बजे से मंदिर खुल गया श्रद्धालुगणों ने दर्शन किए इसके पश्चात मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने बाबा की समाधि पूजा संपन्न की तथा साढे़ छह बजे भगवान भैरवनाथ जी को साक्षीमानकर गर्भगृह को बंद किया गया। तथा साढ़े आठ बजे सभा मंडप तथा मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया। इस अवसर पर उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्री अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के औद्योगिक सलाहकार डॉ केएस पंवार, विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग श्री मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, एसपी रूद्रप्रयाग श्री नवनीत भुल्लर, प्रशासनिक/ मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, भैरवनाथ जी के पश्वा अरविंद शुक्ला, सुभाष सेमवाल सहित तीर्थ पुरोहित एवं हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष 135023 एक लाख पैंतीस हजार तेईस श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। बाबा के जय घोष के साथ डोली ने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया जहां देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपीजमलोकी, कोषाध्यक्ष आर सी तिवारी एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल उत्सव डोली की अगवानी करेंगे। 17 नवंबर मंगलवार को उत्सव डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा 18 नवंबर को उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी। इसी के साथ बाबा केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं भी शुरू हो जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर शीतकाल के लिए बंद हो गए। श्री यमुनोत्री धाम के कपाट पूर्वाह्न 12 बजकर 15 मिनट पर बंद हो रहे। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शायं 3 बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट भी 19 नवंबर सुबह 7 बजे बंद हो रहे है। मद्महेश्वर मेला 22 नवंबर को आयोजित हो रहा है। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं।