भारत कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। पिछले 6 दिन से रोजाना 3 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। कोरोना की दूसरी लहर से भारत में रिकॉर्ड मरीजों के पाए जाने के बाद दुनिया भर के कई देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सऊदी अरब , फ्रांस , जर्मनी जैसे कई देशों ने भारत की मदद करने का वादा किया है। दुनिया भर के दस बड़े और छोटे देश किसी भी तरह से भारत की मदद करने के लिए तैयार हैं। वहीं अब अमेरिका की 40 बड़ी कंपनियां भारत की मदद के लिए आगे आई हैं। अमेरिका की 40 बड़ी कंपनियों के सीईओ भारत की मदद के लिए एकजुट हुए हैं।
भारत के साथ अमेरिका की 40 कंपनियां
कोरोना की भयावह लहर का सामने कर रहे भारत की मदद के लिए अमेरिका की 40 बड़ी कंपनियों के सीईओ साथ मिलकर वैश्विक कार्यबल का गठन करेंगे। डेलोइट के सीईओ पुनीत रंजन के अनुसार, भारत की मदद करने का फैसला अमेरिका के चैम्बर ऑफ कॉमर्स की अमेरिका-भारत काउंसिल और यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक एंट पार्टनरशिप फोरम एंड बिजनेस राउंडटेबल की कलेक्टिव पहल पर लिया गया है। जिसके तहत 20 हजार ऑक्सीजन मशीनें भारत को भेजी जाएंगी। इसके अलावा भारत को इस कमेटी द्वारा मेडिकल सामान, वैक्सीन, ऑक्सीजन और कई इमरजेंसी सामानों की सप्लाई भी भारत को की जाएगी।
Coronavirus: भारत के लिए दुनिया भर से उठे मदद के हाथ
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कमेटी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘इस कोरोना संकट के दौरान वैश्विक कार्यबल की मदद का लाभ भारत और अमेरिका को मिल पाएगा । ये कमेटी के कई विशेषताएं और क्षमताएं से परिपूर्ण हैं। कमेटी की क्षमताओं का फायदा निश्चित ही भारत और अमेरिका को मिल पाएगा ।
पहली लहर से ज्यादा दूसरी लहर ने दहलाया
डेलोइट के सीईओ पुनीत रंजन ने कहा कि कोरोना वायरस की पहली लहर का से लड़ाई में भारत सफलता से जीता था लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को दहला दिया है। ऐसे में हमारे द्वारा मदद की जानी जरुरी है। हमारी प्रथमिकता होनी चाहिए कि हम भारत को बचाएं। उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका की 40 बड़ी कंपनियों ने एकजुट होकर इसी हफ्ते 20 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, एक हजार मेडिकल मशीन सप्लाई का निर्णय लिया है। वहीं, भारत तक 5 मई तक 11 हजार और मशीनों के साथ ऑक्सीजन के 10 लीटर और 45 लीटर वाले सिलेंडर भेजने का प्रयास भी किया जा रहा है।