मध्य प्रदेश में राजनीतिक हो-हंगामा के बाद आखिरकार कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री कुर्सी पर टिक गई है। मध्य प्रदेश में भाजपा से अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल पर सियासी गलियारों में दिनभर सरगर्मियां जारी है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पहला नाम शिवराज सिंह का है तो दूसरे नम्बर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम है। उसके बाद किसी का नाम सामने आ रहा है वह है नरोत्तम मिश्रा का नाम।
बताया जा रहा है कि शिवराज-तोमर में से ही एक नाम को भाजपा आलाकमान प्राथमिकता दे सकती है। वहीं नरोत्तम मिश्रा को कोई पावरफुल सीट दिया जाएगा। इस रेस में सिंधिया का नाम जोर-शोर से लिया जा रहा है। सिंधिया के समर्थक चाहते हैं कि सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाया जाए। हालांकि, सिंधिया ने साफ कहा है कि जो पार्टी कहेगी वही वो करेंगे। उनका लक्ष्य सिर्फ जनसेवा है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे के बाद माना जा रहा था कि भाजपा की बैठक आज शनिवार को होगी। बैठक में विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा। लेकिन काेरोनावायरस के कारण बैठक सोमवार तक टाल दी गई। अब यह बैठक 23 मार्च को होगी। इस बैठक में धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भी शामिल हो सकते हैं। भाजपा सरकार बनाने के लिए 25 मार्च को नवरात्र की घटस्थापना पर अपना दावा पेश कर सकती है।
प्रशासनिक उलटफेर में सबसे पहले ये दो बदलाव होना लगभग तय माना जा रहा है। भाजपा सरकार बनते ही मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी और सीएम के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल को हटाया जा सकता है। इनका कार्यकाल सितंबर 2020 तक है। रही बात वर्णवाल की तो वर्णवाल शिवराज के समय भी पीएस थे। कमलनाथ ने वर्णवाल को बनाए रखे थे।
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने की खुशी में शिवराज सिंह ने शुक्रवार की शाम पार्टी विधायकों के लिए डिनर पार्टी रखी थी। लेकिन बाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सहस्त्रबुद्धे को फोन किया। उन्होंने फोन कर प्रधानमंत्री का संदेश दिया जिसके बाद डिनर कैंसिल कर दिया गया।