गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अब 2021 में होने वाले जनगणना को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। गृह मंत्री ने ऐसे मल्टीपर्पज पहचान पत्र के सुझाव का प्रस्ताव दिया जो अकेला ही पासपोर्ट, आधार, वोटर कार्ड, बैंक खाता और ड्राइविंग लाइसेंस का काम करेगा। अमित शाह ने कहा कि इससे हमें कागज से डिजिटल जनगणना की तरफ जाने में मदद मिलेगी
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि इस बार सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय इस बार करने जा रही है। इस बार सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। 2021 में जो जनगणना होगी इसमें मोबाइल ऐप का भी प्रयोग करेंगे। जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
वर्ष 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक देश की कुल आबादी 121 करोड़ थी। केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में घोषणा की थी कि अगली जनगणना एक मार्च 2021 से शुरू होगी। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 3 के तहत लिया गया है। जम्मू-कश्मीर और अन्य ऐसी जगहों पर जहां बर्फबारी होती है जनगणना अक्टूबर 2020 में ही शुरू की जाएगी।
अमित शाह ने कहा कि सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है।