भारत में अभी भी 18 करोड़ लोग निरक्षर हैं। अब केंद्र सरकार ने अगले आठ साल में पूरे भारत को साक्षर बनाने का फैसला किया है और इसके लिए नवभारत साक्षरता कार्यक्रम लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम को राज्य में लागू करने का निर्णय लिया गया है।
केंद्र सरकार के नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने सरकारी आदेश जारी किया है। इसने देश में साक्षरता की स्थिति के बारे में जानकारी दी है। 2011 की जनगणना के अनुसार 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में निरक्षरों की संख्या 25 करोड़ 76 लाख थी। इसमें 9 करोड़ 8 लाख पुरुष और 16 करोड़ 68 लाख महिलाएं शामिल थीं।
2009-10 और 2017-18 के बीच लागू साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत 7 करोड़ 64 लाख लोगों के साक्षर होने की सूचना मिली थी। इसका मतलब है कि देश में अभी भी 18 करोड़ 12 लाख लोग निरक्षर हैं। देश में निरक्षरता की इस स्थिति को देखते हुए 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नवभारत साक्षरता कार्यक्रम 2022-23 से 2026-27 तक चलाया जा रहा है।
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केंद्र सरकार के निर्देशानुसार इस कार्यक्रम को राज्य में लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के निरक्षर व्यक्तियों के बीच बुनियादी साक्षरता (पढ़ना, लिखना) और संख्यात्मकता विकसित की जाएगी। इसके साथ ही वित्तीय साक्षरता, कानूनी, डिजिटल साक्षरता, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल, परिवार कल्याण को भी शामिल किया गया है। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में प्रौढ़ शिक्षा के स्थान पर सभी के लिए शिक्षा शब्द का प्रयोग किया जाएगा।