प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ बदमाशों कि अवैध संपत्तियों को जब्त करने का अभियान चलाए हुए हैं । जिसमें यूपी पुलिस उन बदमाशों की अवैध संपत्ति को जब्त कर रही है जो अपनी दबंगई के बल पर धन इकट्ठा करने पर लगे हुए हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ योगी के इस अवैध संपत्ति जब्त करने के अभियान को जेल में बंद बदमाशों ने अंगूठा दिखा दिया है । मतलब यह है कि जेल में बंद होते हुए भी यह बदमाश रातों रात करोड़पति बन गए हैं। सवाल यह है कि वर्षों से जेल बंद में इन बदमाशों का कौन सा धंधा चल रहा है जिसके बलबूते यह धनाड्य हो गए हैं।
हालांकि इस मामले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा कुख्यात है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां 17 ऐसे बदमाश है जो पिछले 10 सालों से अधिक समय से जेलों में बंद है । लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि जेल में बंद रहने के दौरान भी यह बदमाश हत्या, लूट , डकैती, अपहरण और फिरौती वसूलने जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। जेल में रहकर यह बदमाश अपने गुर्गों से इन अवैध कामों के जरिए धन उगाही में लगे रहते हैं। जिसके चलते आज वह करोड़पति बन चुके हैं। योगी सरकार के पास ऐसे 17 बदमाशों की सूची तैयार हो चुकी है जो जेल में रहकर भी करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए हैं।

इन बदमाशों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिर सुनील राठी, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, धर्मेंद्र, संजीव जीवा, सुशील मूंछ , योगेश भदोडा , मुकीम काला, सारिक, फारिक, भूपेंद्र बाफर, मीनू, उधम सिंह, सिंहराज भाटी रणदीप भाटी, और उमेश पंडित जैसे बदमाश शामिल है । बताया जाता है कि यह बदमाश अपने आप को जेल में सुरक्षित मान रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई बदमाश तो ऐसे हैं जो कई मामलों में बरी होने के बावजूद भी जेल से बाहर नहीं आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि जेल में रहकर यह बदमाश आसानी से अवैध संपत्ति उगाई के धंधे में लगे हुए हैं।
फिलहाल यह अवैध संपत्ति वह अपने परिचितों या परिजनों के नाम कर रहे हैं। कई बदमाश तो ऐसे हैं जिन्होंने अपने परिचितों और गैंग के सदस्यों के नाम करोड़ों की संपत्ति कर दी है। इसके बाद यह करोड़ों की संपत्ति वह डकार गए। जिसके चलते बदमाशों को अपने गैंग के सदस्यों की हत्या तक करनी पड़ी है।