उत्तराखंड के चमोली जिले में कल आई आपदा से एक बार फिर से देवभूमि थरथरा गईं थी । सात साल पहले 2013 में आई आपदा में केदारनाथ दर्शन को गए करीब 5000 लोगों की मौत हो गई थी। कल जोशीमठ के तपोवन इलाके में ग्लेशियर फटने से जो तबाही मची है उसमें 170 लोगों की मौत की आशंका व्यक्त की जा रही है। जबकि अलग-अलग स्थानों से अब तक 14 शव बरामद हो चुके हैं ।
कल एक टनल से फंसे 16 लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला जा चुका है । जबकि पावर प्रोजेक्ट की एक दूसरी टनल में 30 कर्मचारी अभी भी फंसे हुए हैं । करीब 900 मीटर लंबी इस टनल में कल रात पानी बढ़ जाने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था।
एनडीआरएफ की टीम आज सुबह से ही एक बार फिर ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी कर रही है। लेकिन बताया जा रहा है कि जलस्तर अभी घट नहीं रहा है। जल स्तर बढ़ने के कारण रेस्क्यू मे परेशानी आ रही है।
उधर , दूसरी तरफ अमेरिका ने भी उत्तराखंड में हुई आपदा पर दुख व्यक्त किया है । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक चार बार उत्तराखंड की आपदा पर जानकारी ले चुके हैं । उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार ने मृतकों को के परिजनों को ₹6 लाख देने की घोषणा की है।
याद रहे कि चमोली जिले के तपोवन में कल सुबह 10:00 बजे ग्लेशियर टूट गया था । जो नदी में बाढ़ के रूप में आगे बढ़ा और उसने धौलीगंगा पर बन रहे गंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी के पावर प्रोजेक्ट को तबाह कर दिया था।
बताया जा रहा है कि ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में 20 से 25 कर्मचारी लापता है । जबकि यहां से 6 किलोमीटर दूर एनटीपीसी के प्रोजेक्ट पर घटना के वक्त 176 मजदूर ड्यूटी कर रहे थे। इनमें से अभी भी डेढ़ सौ मजदूर लापता बताए जा रहे हैं।