देश के विभिन्न राज्यों में बारिश अपना कहर बरपा रही है। बिहार और मुंबई में लोगों को बाढ़ को सामना करना पड़ा। असम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड से भी जान माल के नुकसान की खबरें आई हैं। दक्षिणी राज्य केरल के इडुक्की जिले के राजमाला में भूस्खलन से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। 10 लोगों को बचा लिया गया है। 80 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। यह इलाका पर्यटन स्थल मुन्नार से 25 किमी दूर है।
भूस्खलन वाली जगह पर चाय के बागान में काम करने वाले मजदूर की काॅलोनी थी। मलबे में मजदूरों के 20 से ज्यादा घर बह गए। अनुमान लगाया जा रहा है कि ज्यादातर मजदूर तमिलनाडु के रहने वाले थे।
केरल में कई हिस्सों में पिछले तीन- चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। छह अगस्त को भारी बारिश के कारण राजमाला इलाके को जोड़ने वाला अस्थायी पुल गिर गया। वहां पहुंचने में काफी दिक्कत आ रही है।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने घटना पर काफी दुख व्यक्त किया है। केरल के राजस्व मंत्री के चंद्रशेखरन ने कहा, 4 लेबर कैंपों में 80 से ज्यादा लोग रहते थे। एनडीआरएफ के अफसरों और प्रशासन के मुताबिक, राज्य के कई जिलों में पिछले तीन दिनों में 2 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। मलप्पुरम जिले में पांच अगस्त से मूसलाधार बारिश हो रही है। चालियार नदी का जल स्तर बढ़ने से निलाम्बुर इलाके में बाढ़ आ गई है।
एर्नाकुलम जिला एर्नाकुलम के नजदीक नेरियमंगलम गांव में पेरियार नदी का पानी घुस गया। इस इलाके में बड़ी तादाद में हाथी पाए जाते हैं। त्रिसूर जिला पिछले चार दिन से भारी बारिश होने से जिले के कई इलाकों में पेड़ गिरने की खबर है। यहां छह अगस्त शाम को 110 किमी/घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। वायनाड जिला में भारी बारिश की वजह से पिछले 48 घंटों में दो लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति डूबने से मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति की मौत पेड़ गिरने से हुई। इडुक्की जिले में 11 अगस्त तक प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। मुथिरापुझा नदी का जल स्तर बढ़ गया है। इससे पर्यटन स्थल मुन्नार जैसे निचले इलाकों में भी बाढ़ आ गई है।