देशभर में अलग -अलग स्थानों से बच्चों को बतौर बाल मजदूर काम कराने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया ले जाया जाता है। हाल ही में 10 बच्चों को बिहार के पूर्णिया जिले से दिल्ली ले जाने की तैयारी कर रहे दलाल पकड़े गए। आरपीएफ ने दोनों दलालों को पूर्णिया जक्शन में धर दबोचा। चाइल्ड लाइन और आरपीएफ ने दसों बच्चों को उनसे मुक्त कराया है। रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच की बताई जा रही है। आरपीएफ के मुताबिक दोनों दलाल सगे भाई थे। जिनके नाम मो. रागिब और मो. नाजिम बताए जा रहे हैं। ये दोनों आरोपी पुर्णिया जिले के जलालगढ़ के बोजगाव के रहने वाले हैं। ये दोनों इन बच्चों को देर रात पूर्णिया जंक्शन से खुलने वाली सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली ले जाए जा रहे थे। इन बच्चों को जीआरपी ने चाइल्ड लाइन की टीम को सौंप दिया है।
दोनों दलाल बच्चों को दिल्ली के एक भट्टी में बाल श्रमिक के तौर पर काम करने के लिए लेकर जा रहे थे। ये सभी बच्चे नबालिग है। रेस्क्यू किए गए 10 में से 7 बच्चों की शिनाख्त कर ली गई है। बलमजदूरी की चपेट में आने से ये बच्चे तो बच गए। लेकिन देश भर में कई ऐसे बच्चे हैं जो इसकी चपेट में आते हैं। पिछले महीने धौलपुर में पत्तल बनाने वाली फैक्ट्री से 27 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था। देश में बालमजदूरी के बढ़ते मामले 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बाल मजदूरों की संख्या 1.01 करोड़ रही थी। जिसमें 56 लाख लड़के और 45 लाख लड़कियां हैं। मौजूदा समय में आए दिन बालमजदूरी की खबरों से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन आकड़ों में इजाफा हुआ होगा।
बाल मजदूरी पर कानून
संवैधानिक प्रावधान अनुच्छेद 24 के तहत बच्चों के किसी भी खतरनाक कार्य को करने की निंदा की जाती है। यह अनुच्छेद बालश्रम पर रोक भी लगाता है। अनुच्छेद 21 ,6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार देता है परंतु अभी भी बच्चों को पूर्ण रूप से यह अधिकार नहीं मिल सका है। अनुच्छेद के तहत सरकार के पास ऐसी शक्ति है जिसके तहत बाल मजदूरी को रोकने के सारे कार्य किए जाते हैं। 14 से 18 वर्ष तक के बच्चों को किसी भी प्रकार के रोजगार या कार्य में प्रतिबंधित किया गया है। यदि किसी भी तरह के बाल मजदूरी में सहयोग दिखाई देता है, तो सजा का भी प्रावधान है।
बालमजदूरी की क्या है वजह
बालमजदूरी के कई वजह मानी जाती हैं। बालमजदूरी की सबसे बड़ी वजह गरीबी है। गरीबी के चलते अक्सर कई माता- पिता द्वारा बच्चों को छोटी आयु में ही काम पर लगा दिया जाता है। परिवार में ज्यादा सदस्यों के होने पर माता-पिता सभी बच्चों को शिक्षा की सुविधा नहीं दे पाते और इसी से बाल मजदूरी को बढ़ावा मिलता है। कुछ माता-पिता लापरवाही के कारण शिक्षा का अधिकार नहीं दिला पाते और बालश्रम करवाते हैं।