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सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में अधिवक्ता प्रशांत भूषण दोषी करार

नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में दोषी करार दिया गया है। इसके लिए उन्हें क्या सजा होनी चाहिए, इसका फैसला 20 अगस्त को कोर्ट में होने वाली बहस सुनने के बाद तय होगा। गौरतलब है कि अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने 27 जून को अपने ट्वीटर हैंडल से दो ट्वीट किये थे जिसमें एक ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ तो दूसरा मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े के विरूद्ध था।

पहले ट्वीट में उन्होंने कहा था कि जब भावी इतिहासकार देखेंगे कि कैसे पिछले छह साल में बिना किसी औपचारिक इमरजेंसी के भारत के लोकतंत्र को खत्म किया जा चुका है, वो इस विनाश में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी पर सवाल उठाएंगे और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर सवाल पूछेंगे।

अधिवक्ता प्रशांत भूषण के इन ट्वीटस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नोटिस भेजा गया। अब अदालत की अवमानना मामले में सीनियर वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया गया है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने इस मामले में अधिवक्ता प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया। सजा पर सुनवाई 20 अगस्त को होनी है।

हालांकि न्यायालय द्वारा दोषी करार दिये जाने से पहले प्रशांत भूषण ने उन दो ट्वीट का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन नहीं करते।

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