नई शिक्षा नीति की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की कि स्कूलों में अब गुल्ली डंडा, पोशम्पा, कबड्डी, राजा मंत्री चोर सिपाही , और कंचे जैसे लगभग 75 भारतीय खेलों की शुरुआत देश के सभी स्कूलों में की जाएगी ताकि बच्चों को देश के खेलों से परिचित कराया जा सके। भारतीय शिक्षा नीति कि ज्ञान प्रणाली के तहत बच्चों को देश में खेले जाने वाले अलग – अलग खेलों से भी परिचित कराया जा सके। जिसकी जिम्मेदारी ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम’ (आईकेएस) की होगी जिसकी स्थापना 2020 में स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
इस सन्दर्भ में इंडियन नॉलेज सिस्टम के राष्ट्रीय ने एक इंटरव्यू में कहा “विचार केवल स्कूलों में भारतीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए नहीं है। वास्तविक विचार स्कूल स्तर पर खेल को और अधिक समावेशी बनाना है। उदाहरण के लिए, स्कूल ग्रामीण इलाकों में बास्केटबॉल या बैडमिंटन जैसे लोकप्रिय खेलों के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है। हमें उनकी भागीदारी को प्रतिबंधित क्यों करना चाहिए?” एक मशहूर लेखिका संगीता गोस्वामी ने भी अपनी प पुस्तक ‘द गेम्स इंडिया प्लेस: इंडिया स्पोर्ट्स सिंपलीफाई’ में भी गुल्ली डंडा का जिक्र करते हुए कहा है कि गुल्ली डंडा जैसे खेलों का इतिहास लगभग 5 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। इस किताब उन्होंने उन सभी खेलों का जिक्र किया है जो लुप्त होती जा रही हैं।
केंद्र सरकार का खेलो को महत्व देने का ये फैसला बच्चों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। क्यूंकि वर्तमान में बच्चों का ध्यान इनडोर ,आउटडोर गेम्स से हटकर केवल मोबाइल फोन तक और स्कूलों में अधिकतर किताबी शिक्षा तक ही सीमित हो कर रह गया है। इसके पहले भी सरकार ने खेलों को महत्व देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं जिसमे “खेलो इंडिया” भी शामिल है जिसकी शुरुआत 31 जनवरी 2018 में हुई। जिसके तहत युवाओं को खेल में अपना करियर बनाने का अवसर प्राप्त हुए हैं। खेलो इण्डिया वार्षिक रूप से जनवरी या फ़रवरी में 2 श्रेणियों में आयोजित किया जाता है। एक अंडर 17 आगे ग्रुप का जो स्कूली स्टार के बच्चों के लिए होता है और दूसरा अंडर 21 ग्रुप का जो कॉलेज स्टार के बच्चों के लिए आयोजित किया जाता है।
जीवन में खेलों का महत्व
विद्यार्थियों के अलावा आम व्यक्ति के जीवन में भी खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि खेल व्यक्ति को फिट रखते हैं। साथ ही शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से सकारात्मक प्रभाव डालते हैं और कई प्रकार के रोगों से भी बचाव का काम करते हैं । जैसे रक्तचाप नियंत्रित रहता है, शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को काम करता है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में सहायक और फेफड़ों के कार्य में भी सुधार करता है। साथ ही खेल आत्मविश्वास बढ़ाने , संवाद की क्षमता सुधारने व सही ढंग से उठने-बैठने , असफलताओं से लड़ने , और अनुशासित जीवन व्यतीत करने का भी ढंग सिखाते हैं।