रुड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार वह पहाड़ों की रानी मसूरी में अपने परिवार के साथ घूमने गए तो वहां कोविड कर्फ्यू के दौरान उत्तराखंड पुलिस के दारोगा नीरज कठैत से उलझ बैठे। इसके बाद मामला पुलिस हाईकमान तक पहुंचा और उस पुलिसकर्मी का तबादला कर दिया गया।
विधायक का ₹500 का चालान काटा गया था। हालांकि उत्तराखंड पुलिस इसे रूटीन स्थानांतरण बता रही है। जबकि मसूरी के लोग इस मामले को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। लोगों का कहना है कि विधायक ने पुलिस के साथ बदतमीजी की । वह कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे ।
इसके चलते पुलिस ने उनका ₹500 का चालान काटा। लेकिन बदले में इसके उन्होंने पुलिसकर्मी को मसूरी से कालसी स्थानांतरण करा दिया।
जबकि इस मामले में विधायक प्रदीप बत्रा का कहना है कि उन्होंने कोरोना के सभी नियमों का पालन किया। यहां तक की उनके सभी परिवार ने मास्क लगा रखा था। इसके बावजूद भी पुलिसकर्मी उनसे लड़ता रहा और ए मिस्टर कहकर संबोधित करता रहा । वह पुलिसकर्मी वहां से आने जाने वाले लोगों को कोरोना के नाम पर परेशान कर रहा था। जिसका उन्होंने विरोध किया।
विधायक प्रदीप बत्रा ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत उन्होंने प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार से की है। और जो लोग मुझ पर पुलिसकर्मी के स्थानांतरण कराने का आरोप लगा रहे हैं, वह गलत है। पुलिस कर्मी का स्थानांतरण इस वजह से हुआ है क्योंकि वह 4 साल से एक ही जगह पर नौकरी कर रहा था। अकेले मसूरी के दारोगा नीरज कठैत का ही नहीं बल्कि ऐसे करीब 100 पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण किए गए हैं।
इस मामले का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें विधायक प्रदीप बत्रा पुलिसकर्मी नीरज कठैत विधायक से उलझता हुआ दिखाई दे रहा है। साथ ही वह कह रहा है कि कोविड नाइट कर्फ्यू में वह एक साथ बाहर नहीं घूमने जा सकते और इस तरह कोरोना के नियम को नहीं तोड़ सकते ।
वीडियो में विधायक प्रदीप बत्रा पुलिस कर्मी के समक्ष ₹500 गाड़ी के बोनट पर फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं । साथ ही उनका पुत्र पुलिस के साथ बात करता हुआ दिखाई दे रहा है।
गौरतलब है कि रुड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा पहले भी एक मामले को लेकर विवादों में रहे हैं। उनकी एलएलबी की डिग्री फर्जी बताई सामने आई थी । जिसको लेकर मामला न्यायालय तक पहुंचा था। इस दौरान विधायक की फर्जी डिग्री की सीबीसीआईडी जांच भी हुई। लेकिन विधायक पर आरोप है कि उन्होंने सत्ता के रसूख पर मामला रफा-दफा करा दिया