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राजधानी दिल्ली में फिर चलेगा ध्वस्तीकरण अभियान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आप आदमी पार्टी के कुछ विधायकों ने दिल्ली के एलजी वी.के. सक्सेना को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अतिक्रमण किए जाने के बारे में जानकारी दी है, इस पर एलजी ने जल्द करवाई का वादा किया है। जल्द ही राजधानी में ध्वस्तीकरण अभियान शुरू हो सकता है। इसका सीधा असर आने वाले दिल्ली नगर -निगम चुनाव पर देखने को मिल सकता है।

दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के 32 विधायकों ने अपने क्षेत्रों में अतिक्रमण को एक बड़ी समस्या बताते हुए सक्सेना को लिखित शिकायत दी है। इस समस्या से निपटने के लिए पहले भी कई बार विधायकों ने दिल्ली के एलजी से मदद मांगी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इन 32 में से 30 विधायक आप के और दो भारतीय जनता पार्टी के हैं। विधायकों ने अपनी लिखित शिकायतों में कहा कि अन्य बातों के अलावा बांग्लादेशी नागरिक’ उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पार्कों पर कब्जा रहे हैं और स्कूल परिसरों में ‘अवैध कार पार्किंग’ भी चल रही हैं।

दिल्ली में अतिक्रमण विरोधी अभियान नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है। अभी दिल्ली नगर निगम के पास कोई निर्वाचित सदस्य नहीं है क्योंकि इस साल अप्रैल में पारित एक कानून के जरिये राजधानी के नागरिक निकायों को फिर से एक साथ मिला दिया गया है, जिससे वार्डों का परिसीमन जरूरी हो गया है। नगर निगम वर्तमान में एक विशेष अधिकारी और एक आयुक्त के नेतृत्व में काम कर रहा है, दोनों अधिकारी केंद्र सरकार को रिपोर्ट करते हैं। दिल्ली सरकार और नगर निगम के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की प्रशासनिक इकाई के तौर पर काम करते हैं, उनके पास नगरपालिका से जुड़े मामलों में निर्देश जारी करने का अधिकार है, खासकर जब तक कि निकाय चुनाव नहीं होते और पार्षद नहीं चुने जाते है।लेकिन यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब ध्वस्तीकरण अभियान जिसे अक्सर अतिक्रमण विरोधी उपाय बताया जाता है वो दिल्ली में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।


पिछले कुछ महीनों के दौरान दिल्ली में ध्वस्तीकरण को लेकर ‘आप’ और भाजपा के बीच टकराव सामने आया था । खासकर मंदिरों को लेकर इसी साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की ‘बुलडोजर राजनीति’ की आलोचना की थी और अपने विधायकों से जेल जाने की कीमत पर भी इसका विरोध करने को कहा था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक,कस्तूरबा नगर के आप विधायक और जून में उपराज्यपाल से मिलने वालों में से एक मदनलाल ने कहा कि सबसे अहम बात यह कि एलजी को यह बताना था कि नगर निगम में भारी भ्रष्टाचार के कारण अतिक्रमण होता है। मौजूदा समय में नगर निगम उनके अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए उन्हें ही कार्रवाई करनी चाहिए।


दिल्ली के मंगोलपुरी, बुराड़ी, नरेला, बवाना, सुल्तानपुर माजरा, पालम, बिजवासन, संगम विहार, महरौली, मुस्तफाबाद, कोंडली, त्रिलोकपुरी, गोकलपुरी, सीलमपुर, विश्वास नगर, कृष्णा नगर, तिलक नगर, हरि नगर, जनकपुरी, रिठाला, करोल बाग, ग्रेटर कैलाश, राजौरी गार्डन, चांदनी चौक और मालवीय नगर में अतिक्रमण की समस्या है। इस पर विधायकों का कहना है कि उपराज्यपाल को लिखित तौर पर बताया कि इन क्षेत्रों में, ‘भू-माफिया’ दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन कब्जा रहे हैं, दुकानें सड़कों तक आ गई हैं, कुछ लोग अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। इनके अलावा, पुरानी कारों के क्रेता-विक्रेता और स्क्रैप डीलर फुटपाथ और पैदल पथ का इस्तेमाल पार्किंग के तौर पर कर रहे हैं। कई विधायकों ने यह भी शिकायत की कि कुछ जगहों पर कृषि भूमि का इस्तेमाल गैरकानूनी ढंग से आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। विधायकों ने यह भी दावा किया कि कुछ क्षेत्रों में झुग्गियों के जरिये पार्कों का अतिक्रमण किया जा रहा है, और कहीं-कहीं स्कूल परिसरों को अवैध पार्किंग स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के एक विधायक ने यहां तक दावा किया कि बेरी वाला बाग के आसपास के पार्कों पर अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का कब्जा है।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उपराज्यपाल के आवास दिल्ली राज निवास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एलजी ने अतिक्रमण विरोधी अभियान को आगे बढ़ाने में अधिकारियों पूरा सहयोग मांगा, जिसमें दिल्ली की सड़को को कम से कम दो मीटर तक अतिक्रमण मुक्त फुटपाथ उपलब्ध कराने का एक अभियान भी शामिल होगा। सक्सेना से मिले एक अन्य आप विधायक सोमनाथ भारती ने एलजी से संपर्क करने के फैसले पर बात करते हुए कहा कि पुलिस, भूमि और नगर निकाय तीनों ऐसे क्षेत्र हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। उन्होंने आगे कहा दिल्ली में अतिक्रमण विरोधी अभियान नगर निगम चलाता है। इसलिए, इस मामले को उपराज्यपाल को ही देखना है। यह सब अरविन्द केजरीवार सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसलिए हम इस मुद्दे को उनके पास ले गए है।

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