उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में विधायक भूमाफियाओं की लिस्ट में नाम दर्ज है । इसका पटाक्षेप खुद नगर पालिका की उस लिस्ट में उजागर हुआ है जिसमे शहर के 320 भूमाफियाओ के नाम जारी किए गए है। अपना नाम भूमाफियाओं की सूची में अखबार में प्रकाशित होते ही सत्तासीन पार्टी के विधायक आग बबूला हो गये है। हालाकि अब नगर पालिका प्रशासन बैकफुट पर आ गया है।
मामला उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का है। जहा की बीसलपुर विधानसभा के भाजपा विधायक रामशरण वर्मा को नगर पालिका ने भूमाफिया की सूची में शामिल किया है। विधायक का नाम अखबार में छपते ही मामला तूल पकड़ता जा रहा है ।
भले ही पालिका प्रशासन गलती से नाम शामिल होने की बात कर रहा है,लेकिन विधायक ने कानूनी कार्रवाई के लिए कमर कस ली है । इस मामले से नगर पालिका अधिकारियों के हाथ-पांव फूले हुए हैं ।
गौरतलब है कि पीलीभीत की बीसलपुर नगर पालिका की जमीनों पर लगभग 320 से अधिक भूमाफियाओं ने अवैध रूप से कब्जा कर भवनों का निर्माण कराया है । ईओ वंदना शर्मा ने इस बाबत अख़बारों में भूमाफियाओं की सूची भी प्रकाशित कराई थी । इस सूची में स्थानीय विधायक रामसरन वर्मा का नाम 35 वे नंबर पर है। इसी के साथ शहर के पूर्व विधायक हाजी रियाज अहमद का नाम भी सूची में शामिल किया गया । इसके बाद जिले में राजनैतिक भूचाल आ गया है।
हालाकि अब पालिका प्रशासन भूमाफिया सूची में गलती से नाम शामिल किए जाने की बात कर रहा है । लेकिन विधायक ने जान बूझकर छवि खराब किए जाने की बात कहते हुए कार्रवाई के लिए कमर कस ली है ।
याद रहे कि नगरपालिका द्वारा जिन विधायक को भूमाफिया घोषित किया गया है वह चार बार प्रदेश में विधायक रहे हैं साथ ही कल्याण सिंह की सरकार ने उन्हें दुग्ध विकास उप मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी ।