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राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस पार्टी उत्साहित है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय पदाधिकारी कहते हैं कि जिस तरीके का जुड़ाव और लोगों का समर्थन यात्रा में मिला है, वह उम्मीद से बहुत ज्यादा है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जिस मकसद से शुरू की गई थी, उस मकसद को देश के प्रत्येक वर्ग ने न सिर्फ सराहा है, बल्कि विपक्षी दलों ने और राजनीतिक विचारधारा में मतभेद रखने वालों ने भी यात्रा की प्रशंसा की है। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि जो माहौल इस वक्त बना हुआ है वह अब लगातार बना रहेगा। उनका कहना है कि 30 जनवरी को समाप्त होने वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद हर स्तर पर पार्टी को मजबूत करने और संगठनात्मक ढांचे को दुरुस्त कर देश हित में पार्टी हर मोर्चे पर लड़ने को तैयार है।

कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ पार्टी के भीतर जो थोड़े -बहुत नेताओं में मतभेद थे, वह भी पूरी तरह से समाप्त हो चुके हैं। जिस तरीके से पार्टी में नाराज नेताओं के जी-23 ग्रुप के सदस्यों से बात करके उनकी समस्याओं का समाधान किया गया। उससे उत्साहित ग्रुप से जुड़े ज्यादातर नेता कांग्रेस की प्रत्येक रणनीति और सहयोग में सबसे आगे खड़े हो रहे हैं। यात्रा से पहले कांग्रेसी नेताओं में अंदरूनी तौर पर भले ही मनमुटाव हो, लेकिन पार्टी के आंदोलन को वे जिस तरीके से आगे लेकर गए उससे पार्टी न सिर्फ मजबूत हुई है, बल्कि दूसरे दलों में गए कांग्रेस के नाराज नेताओं से बातचीत का दरवाजा भी खुल गया है। इससे संदेश गया है कि बातचीत के जरिए अगर गिले-शिकवे दूर हो सकें, और कोई भी नेता कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ना चाहे, भले ही वह पार्टी छोड़कर चला गया हो तो उसका हमेशा स्वागत ही होगा।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से यह चर्चा जोरों पर है कि जो लोग पार्टी छोड़कर गए हैं, उनसे एक बार दोबारा बातचीत कर संपर्क करने की कोशिश की जाए। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि जो कांग्रेसी पार्टी छोड़कर चले गए हैं, अगर उन्हें दोबारा जोड़ लिया जाए, तो पार्टी को अलग-अलग राज्यों में और ज्यादा मजबूती मिल सकेगी। हालांकि इसको लेकर पार्टी में अभी एक राय नहीं है कि ऐसी पहल की जानी चाहिए या नहीं।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने जिस तरीके से यात्रा के दौरान अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाकर अपने साथ जोड़ने की कवायद यही इशारा करती है कि कांग्रेस पार्टी अब हर तरीके से सब को एक साथ लेकर चलने की तैयारी कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने 30 जनवरी को समाप्त होने वाली भारत जोड़ो यात्रा वाले दिन एक बार फिर से देश की समान विचारधारा वाली राजनीतिक पार्टियों को श्रीनगर में आमंत्रित किया है।

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि एक बात तो बिल्कुल स्पष्ट है कि राहुल गांधी की यात्रा के साथ पार्टी के नेताओं का नजरिया भी विस्तृत हुआ है। अगर इसी विजन के साथ कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ती रही तो इसमें कोई शक नहीं है कि वह अपनी पार्टी के नाराज नेताओं से संपर्क कर उनको अपने साथ दोबारा भी जोड़ सकती है।

जानकार मानते हैं कि कांग्रेस की यात्रा में बहुत से ऐसे नेता जुड़े हुए हैं, जो कांग्रेस पार्टी छोड़कर गए बड़े नेताओं से संपर्क में हैं। इनमें से कई नेता तो ऐसे हैं जो पार्टी के नाराज जी-23 से जुड़े हुए नेता थे। उनमें से कई नेता पार्टी छोड़ कर चले गए, कई नेता अभी भी पार्टी में हैं। जो नेता पार्टी में हैं वे अब अपनी सारी नाराजगी को दूर करके पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पार्टी ने भी इन नेताओं का सम्मान करते हुए उनको बड़ी जिम्मेदारियां दी और उसका निर्वहन भी ऐसे नेताओं ने अच्छे से किया है। कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेताओं की मानें तो 30 जनवरी के बाद पार्टी बहुत बड़े स्तर पर और भी कई तैयारियां कर रही है। संभव है जो नेता पार्टी से नाराज होकर गए हैं, वे दोबारा पार्टी में शामिल होकर उनके साथ अगली यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलते दिखें।

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