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जेडीयू के नए तेवर, लव जिहाद कानून मुद्दे पर बीजेपी को दी कड़ी नसीहत

जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के अध्यक्ष पद से नीतीश कुमार का हटना इस बात का साफ़ संकेत है कि उनकी कोई रूचि भाजपा से बातचीत करने में नहीं है फिर चाहे बिहार हो  या दिल्ली। दूसरी तरफ़ उन्होंने पार्टी के कामकाज से अलग होकर भले सरकार के काम में अधिक समय देने की बात की हो लेकिन पार्टी नेताओं के अनुसार भाजपा अगर ग़लतफहमी में हैं कि नीतीश कुमार आत्मसम्मान से समझौता कर सत्ता में बने रहेंगे तो उन्हें निराशा हाथ लगने वाली हैं ।

जनता दल यूनाइटेड और भाजपा के बीच गठबंधन में दूरियां

 

इन दोनों दलों के बीच अविश्वास अरुणाचल प्रदेश के उस घटनाक्रम के बाद और बढ़ा हैं, जब भाजपा ने जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया।

रविवार यानी कि 28 दिसम्बर 2020 को तो नीतीश कुमार की पार्टी ने प्रस्ताव में यहां तक कह डाला कि अभी हाल में अरुणाचल प्रदेश की अप्रत्याशित घटना ने विपक्ष को घर बैठे हवा देने का अवसर दे दिया है, हमें गहराई से इस मुद्दे पर विचार करने की ज़रूरत है और कार्यकारणी की बैठक गठबंधन धर्म की अटल संहिता के पालन का प्रस्ताव करती है।

‘अटल सहिंता’ का ज़िक्र

निश्चित रूप से इस प्रस्ताव में ‘अटल सहिंता’ का ज़िक्र कर नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह को संदेश दिया हैं कि अपने सहयोगियों का दल तोड़कर वो स्वर्गीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के गठबंधन के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ काम काम कर रहे हैं।’

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पार्टी के नेताओं की मानें तो रविवार हुए बैठक के दौरान कमोबेश सभी नेता अरुणाचल की घटना से ख़फ़ा थे।सभी नेताओं ने अपने भाषण में इसका ज़िक्र कर उन्हें कम ना आंकने की नसीहत दी। दूसरी ओर पार्टी के नेता अब साफ़ साफ़ ये कहने लगे हैं कि भाजपा के ऊपर राजनीतिक विश्वास करना आत्मघाती होगा।

भाजपा नेताओं का असहयोग और उनका वोट ट्रांसफर

जनता दल यूनाइटेड के नेताओं के अनुसार विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू के अधिकांश प्रत्याशियों की यही राय रही कि उनकी हार में स्थानीय भाजपा नेताओं का असहयोग और उनका वोट ट्रांसफर ना होना सबसे बड़ा कारण रहा हैं।लेकिन पार्टी में अब वो चाहे पुराने नेता हो या नए सबका मानना हैं कि भाजपा सहयोगी बनाकर उन्हें ख़त्म करने में लगा हैं।

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने स्वीकार भी किया कि अब दोनो पार्टियों में मीडिया के माध्यम से संवाद होता हैं। उनका कहना था कि मंत्रिमंडल विस्तार भी भाजपा के तरफ़ से सूची ना मिलने के कारण रुका हुआ हैं।

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने लव जिहाद कानून को लेकर भी भाजपा को कड़ी नसीहत दी है। उन्होंने रविवार को हुए बैठक में कहा कि बीजेपी भले ही इस कानून का समर्थन कर रही हो लेकिन हम इस कानून पर कोई अमली जामा नहीं पहनाने वाले।

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