अनंत सेतवाड़ की मधुर आवाज ने उन्हें 1960 के दशक के मध्य से 1980 के दशक तक अन्य कमेंटेटर से अलग किया। 84 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद 4 अगस्त को उनका निधन हो गया है।उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो की ओर से क्रिकेट कमेंट्री में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।एक अच्छे क्रिकेट जानकर के रूप में उन्होंने विजय मर्चेंट, पियरसन सरिता, राजू भारतान, बालू अलगानन और सुरेश सरैया के साथ माइक्रोफोन साझा किया है। ‘पॉलीश्ड’ यह वह शब्द है जो वो ऑल इंडिया रेडियो पर क्रिकेट का वर्णन करते हुए अधिकतर बोलते थे।
सेतलवाड़ ने एक ऐसे युग में कमेंट्री की जब महान सलामी बल्लेबाज विजय मर्चेंट ने भी 1960 और 1970 के दशक में श्रोताओं को अपनी आवाज दी। उन्होंने 1990 के दशक में अपनी टिप्पणी में विनोद कांबली के इंग्लैंड टेस्ट के तीन आकड़ों तक पहुंचने पर इंग्लैंड के खिलाफ 1992-1993 की श्रृंखला में बॉम्बे ब्राउनवाश को उल्लेखित किया था।
कमेंटेटर हर्ष भोगले ट्वीट द्वारा उनके निधन पर लिखा कि,
” एक युवा के रूप में मैंने कल्पना की थी कि मैं अनंत सेतवाड़ की तरह बनूंगा और मैं उनकी शैली को कॉपी करने की कोशिश करूंगा लेकिन कभी भी मैं उनके उस प्रतिष्ठित मेहनत को प्राप्त नहीं कर सका। उनकी आवाज में अलग दम था।वह हमेशा एक अच्छे वक्ता की तरह जो बनना चाहते थे वह बने।वे भारत में रेडियो प्रसारण के बेहतरीन युग में सबसे तेज रोशनी थे।
सेतलवाड़ की दौड़ कभी भी शीर्ष पर रहने की नहीं थी।वे चाहते थे, विश्वास करते थे कि वह एक जुनूनी व्यक्ति है जो मैदान में और उसके बाहर दर्शकों के साथ दौड़ता है। अनंत सेतलवाड़ की कमेंट्री की बहुत प्रशंसा की जाती है क्योंकि वह बहुत ही संयमित सटीक बिंदु पर होती थी। उनका व्यक्तित्व तरलता से भरा था और वह उनके साथ ही चला गया। वह डायलॉग डिलीवरी में बेहतरीन थे।वे महसूस करते थे कि वह क्रिकेट के मैदान में सटीक वर्णन करते थे और लगभग सभी चीजों में बेस्ट कमेंट इनके ही रहते थे।
अनंत, रणजी ट्रॉफी और बीसीसीआई के अन्य टूर्नामेंट के लिए ऑल इंडिया रेडियो के एक शानदार कमेंटेटर थे और टेस्ट मैचों के लिए भी वह जाया करते थे। वह मुंबई में 1969 के भारत ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के लिए ऑल इंडिया रेडियो चैनल पर भी थे। 1973 में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में टोनी लुईस के नेतृत्व वाले इंग्लैंड के खिलाफ मैच में भी वह थे।
क्रिकेट में अपनी आवाज़ से एक नयी ऊर्जा डालने वाले अनन्त सेतलवाड़ को शाश्वत अंपायर ने भले ही जीवन के मैदान से बाहर कर दिया हो पर उनकी पॉलिश आवाज़ हम सब क्रिकेट प्रेमियों के स्मृति में जीवित रहेगी।